पति के गुज़र जाने के बाद बेसहारा महिला ने अंगूर की खेती शुरू की, अब 25 से 30 लाख रु कमाई होने लगी

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Sangeeta Pingle
Sangita Pingle has proven her critics wrong by successfully growing grapes and tomatoes on 13-acre land. Now earning Rs 25-30 lakh yearly.

Photo Credits: Twitter

Nasik: एक पति पत्नी का रिश्ता जीवन भर का होता है, ऐसा माना जाता है कि पति पत्नी अपने बुरे और अच्छे वक्त दोनों में एक दूसरे के साथ रहकर एक दूसरे की मदद करते हैं। पुरुष का काम होता है कि घर के बाहर जाकर पैसे कमाए और महिला घर में रहकर पुरुष के लिए खाना बनाती है और उनके घर गृहस्थी को संभालती है।

जब किसी महिला से उसके पति का साथ छूट जाता है, तो वह काफी अकेली हो जाती है और अपने गृहस्थी के साथ-साथ घर के बाहर को भी उसे ही संभालना पड़ता है। आज इस पोस्ट में हम एक ऐसी ही महिला के बारे में बात करेंगे। जिसने अपने पति को खोने के बाद 13 एकड़ जमीन पर अंगूर की खेती (Grapes farming) करना प्रारंभ किया आज 1 वर्ष में करीब 25 से 300000 Rs कमा लेती है, आइए जाने उस महिला के बारे में।

कौन है वह महिला किसान

महाराष्ट्र (Maharastra) राज्य के नासिक (Nasik) शहर की निवासी महिला किसान संगीता पिंगले (Sangeeta Pingle), जिन्होंने अपने पति के देहांत के बाद काफी मुसीबतों का सामना किया। मुसीबतों से लड़कर अपने आगे के समय को बेहतरीन बनाने के लिए मेहनत की उन्होंने अपने संपूर्ण जेवर बेचकर अंगूर की खेती प्रारंभ की और वे इस खेती में कामयाब भी रहे।

प्राचीन काल में रूढ़िवादी मान्यताओं के अनुसार खेती किसानी और बाहर के काम केवल मर्दों के लिए हुआ करते थे महिलाओं का काम घर के चूल्हा चौका तक ही होता था। परंतु कई महिलाओं ने आगे आकर इस रूढ़िवादी सोच को परिवर्तित करने के लिए ऐसे काम किए जिससे आज पुरुष और महिला में फर्क करने वाले व्यक्तियों को मुंह तोड़ जवाब मिला।

कुछ ऐसा ही काम संगीता पिंगले ने भी किया संगीता ने अपनी 13 एकड़ भूमि पर अंगूर के साथ टमाटर की फसल लगाई और हर वर्ष करीब 8 से 10 टन अंगूर और टमाटर की उपज कर उन्हें बेचकर 25 से 30 लाख रुपए का व्यापार कर रही है, उनके काम ने पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया।

पति के जाने के बाद संगीता ने पूर्ण निष्ठा से निभाए अपनी संपूर्ण जिम्मेदारियां

दुर्भाग्यवश संगीता के पति (Sangeeta Pingle Husband) एक हादसे के शिकार हो गए। उनके जाने के बाद संगीता के ऊपर घर के साथ-साथ घर के बाहर की भी जिम्मेदारियां आ पड़ी। जहां संगीता रहती हैं, वहां आसपास नौकरी करने का कोई जरिया नहीं था।

संगीता के पति भी खेती किसानी ही करके अपने परिवार को संभालते थे, इसीलिए संगीता ने अपने पति के काम को ही आगे बढ़ाने का विचार किया और खेती पाती में जुट गई। सबसे पहले उन्होंने खेती से संबंधित सभी कामों को सीखा उस वक्त लोगों का कहना था कि यह सब औरतों की बस का काम नहीं होता, परंतु उन्होंने लोगों की सोच को मात देते हुए खेती किसानी में महारत हासिल करें।

संगीता एक विज्ञान की छात्रा है

संगीता की शुरुआत काफी कठिन थी उन्होंने खेती किसानी को आगे बढ़ाने के लिए अपने गहनों को गिरवी रखा और अपने चचेरे भाई से कुछ कर्ज लिया। उसके बाद उन्होंने खेती करना प्रारंभ किया, परंतु कभी-कभी उन्हें उत्पादन से जुड़ी चीजों को पड़ने पर भी समझने में काफी कठिनाई जाती थी। परंतु उनका विज्ञान की छात्र होना उनके लिए सही साबित हुआ वह इस काम में बहुत जल्दी निपुण हो गई।

चुनौतियों का सामना करते हुए बनी आज वे अन्य महिलाओं की प्रेरणा

संगीता एक पढ़ी-लिखी किसान हैं, इसीलिए उन्होंने जैविक और आधुनिक खेती को अपना हथियार बनाया और आधुनिक खेती के तहत उन्होंने अंगूर की खेती का चुनाव किया। वह कहती है कि खेती करने में उन्हें काफी मुसीबत हुई, परंतु उन्होंने कभी मुसीबतों से हार नहीं मानी और आज भी एक सफल महिला किसान हैं।

संगीता साल का 25 से 30 लाख रुपए कमाती है, परंतु उन्हें बेमौसम बारिश से कई बार काफी बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा है। उनकी खेत में उगने वाले अंगूर महाराष्ट्र राज्य के कई सारे वाइन यार्ड में वाइन निर्माण के लिए भेजे जाते है।

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