
Pune: अंजीर की खेती व्यापारिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण खेती मानी जाती है। क्योंकि इसके फलों की बाजार में अच्छी कीमत मिलने की वजह से किसान भाइयों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। अंजीर का फल स्वादिष्ट के साथ साथ स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी होता है।
इसके फल को ताजा और सुखाकर भी खाया जाता है। खाने में इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। इसके अलावा अंजीर के फलों (Fig Fruit) का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में भी की किया जाता है। अंजीर (Anzir) कई गुणो से भरा फल है। अंजीर उपोष्ण क्षेत्रों में पाया जाने वाला उपयोगी फल है। कोहरे की मार को सहन करने में इसकी विशेष क्षमता होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसके ताजे अर्द्ध-सूखे, सूखे फलों एवं विधायन द्वारा तैयार पदार्थों की बढ़ती मांग को देखते हुये, इसके व्यवसायिक उत्पादन की संभवना बहुत बढ़ती जा रही हैं। अंजीर एक लोकप्रिय फल है, जिसे ताजा और सूखा दोनों रूप में खाया जाता है। भारत में इसकी खेती राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में की जाती है।
विश्व स्तर पर इसकी खेती दक्षिणी और पश्चिमी अमरीका और मेडिटेरेनियन और उत्तरी अफ्रीकी देशों में की जाती है। बागवान अंजीर की खेती वैज्ञानिक तकनीक से करके इसकी फसल (Anzir Ki Fasal) से अच्छा और गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। अंजीर की बागवानी वैज्ञानिक तकनीक से कैसे करें इसकी जानकारी हम आपको दे रहे है। हम ऐसे शख्सियत के बारे मे बताने जा रहे जिसने अंजीर की खेती करके कुछ ही समय मे करोड़ो का साम्राज्य खड़ा कर दिया।
एक सफल व्यक्ति को भी एक असफल व्यक्ति की तरह ही काम के लिए प्रतिदिन 24 घंटे मिलते हैं, लेकिन फिर भी बहुत कम ही लोग होते है, जो सफलता की सीढ़ी पर पहुंच पाते है। सपना तो सब देखते है, सफल इंसान बनने का पैसे कमाने का, लेकिन उन सपनों को साकार बहुत कम लोग ही कर पाते है।
किसी ने सही कहा है कि हर सफल व्यक्ति कुछ नया करने के लिए केवल विचार ही नही बनाते हैं, बल्कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसके पीछे दिन रात लग जाते है। जीवन के ऐसे उतार चढावों से भरी ऐसी ही सफल कहानी (Success Story) है, समीर डॉम्बे (Samir Dombe) की। जो कि महाराष्ट्र के दौंड (Daund Maharashtra) से रिश्ता रखते हैं।
एक समय वे एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर (Engineer) रहे और उनकी सैलरी अच्छी खासी थीं। लेकिन फिर भी वे अपनी जॉब से खुश नहीं थे। उनको अपने जीवन मे कुछ अधूरा से महसूस होता था, फिर क्या था एक दिन समीर ने जॉब छोड़कर गाँव आकर अंजीर की खेती (Anzir ki Kheti) करने का मन मे ठान लिया।
समीर का कहना हैं कि उनके गांव में अंजीर की खेती (Fig Farming) बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां तक कि उनके परिवार के सदस्य भी अंजीर की खेती से जुड़े थे। लेकिन उन्हें इससे उतना लाभ नहीं मिलता था। जितना वो चाहते थे। इसलिए उन्होंने अंजीर की खेती के साथ प्रोसेसिंग और पैकेजिंग का काम भी शुरू करने का मन में विचार बनाया।
अच्छी सेहत के लिए अंजीर का भी सेवन बहुत उपयोगी है। pic.twitter.com/aoArAzppGu
— sanatanpath (@sanatanpath) December 21, 2021
सबसे पहले उन्होंने अपने एक एकड़ के खेत में अंजीर की खेती की और फिर जब फल तैयार हो गए, तब उन्होंने इनके पैकेट बनाकर अपने आसपास फ़ूड मार्केट में सप्लाई करना प्रारम्भ कर दिया। देखते ही देखते उनके फ्रेश फ्रूट्स लोगो की पसंद बनने लगे।
माझ्या मतदारसंघातील शेतकऱ्यांनी फळबाग शेतीत यशस्वी व्हावं म्हणून बाबांच्या (राजेंद्र दादा पवार) पुढाकाराने जामखेड तालुक्यातील शेतकऱ्यांसाठी अंजीर लागवड अभ्यास दौऱ्याचं आयोजन करण्यात आलं होतं. यानुसार खोर (ता.दौंड) येथील प्रयोगशील शेतकरी समीर डोंबे यांच्या अंजीर बागेला भेट दिली. pic.twitter.com/Z9Gn0vqoCJ
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) March 19, 2021
आज वे देशभर के सुपर मार्केट्स में अपने उगाये अंजीर फ्रूट्स सप्लाई करने में सफल साबित हो गए। वहीं उन्होंने अंजीर फ्लेवर में जेली और जैम की प्रोसेसिंग भी स्टार्ट कर दी। जिनको वो तैयार अपने ब्रांड पवित्रक के नाम से करते हैं। आज समीर न सिर्फ अच्छी कमाई करे रहे हैं, बल्कि 20 से अधिक लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं।
कैसे करें अंजीर की खेती
समीर ने बताया कि अंजीर की खेती (Fig Cultivation) के लिए गर्म जलवायु होना आवश्यक हैं। वहीं इसके लिए ऐसी मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है, जो न अधिक कठोर और न अधिक मुलायम। साथ ही खेत में किसी प्रकार का जल-जमाव न हो और पानी की निकासी के लिए पर्याप्त सुविधा होनी चाहिये।
खोर,ता.दौंड येथील समीर डोंबे-पाटील यांनी अंजीर विक्रीचा अभिनव उपक्रम राबविला.यातून त्याने स्वत: उत्पन्न घेतलेच शिवाय परिसरातील लोकांचाही फायदा करुन दिला.समीर यांच्यासारख्या युवकांचे कार्य प्रेरणादायी आहे.त्यांचे मनापासून अभिनंदन. pic.twitter.com/1Q1ziRlS56 pic.twitter.com/rJVgdBRBzu
— Akshay Kale (@AkshayK87161452) June 6, 2020
समीर का कहना है कि अंजीर के पौधे खरीफ सीजन में जून और जुलाई महीने में लगाना चाहिए। उन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन में करीब 300 पौधे अंजीर के लगाए थे। एक पौधे के लिए उन्होंने 20 रुपये खर्च किए थे। इन पौधों में सालभर बाद ही फल आने लगे।
आज बना 1.5 करोड़ रुपये का टर्नओवर
किसी भी खेती में आपको अच्छा मुनाफा चाहिए, तो उसके लिए आपके पास हर एक बारीकियों का प्रशिक्षण होना जरूरी है। आप आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। समीर ने बताया कि यदि खेती से अच्छा मुनाफा कमाना है, तो खेती के साथ-साथ अपने उत्पादन की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग करना भी आवश्यक है।
ऑनलाईन शिवार फेरी : अंजीर शेती व प्रकिया, दौंड (पुणे)
Live Virtual/Interactive Visit to a Fig Farm in Daund, Pune with Entrepreneur Samir Dombe
श्री. समीर डोंबे
(संस्थापक, डोंबे पाटील फूड्स, खोर, दौंड, पुणे)
दिनांक: २०/१२/२०२०
वेळ: सकाळी १० वा.
20/12 10am pic.twitter.com/Q0OhZEmY2o— Shekruशेकरू (@shekruTV) December 19, 2020
आप एक ही चीज पर निर्भर नही रह सकते। समीर बताते है, हमने भी यही काम किया अंजीर की पैदावार लेने के साथ-साथ उसकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग भी स्टार्ट कर दी। जहां पहले अंजीर फ्रूट्स हार्वेस्टिंग के 3 से 4 दिन बाद बाजार पहुंचते थे, वहीं हमने छोटे-छोटे पैकेट्स में एक ही दिन में पहुंचाना प्रारम्भ कर दिया। इससे मुनाफा भी मिलने लगा और प्रोडक्ट की मांग भी तेजी से बढ़ने लगी। आज समीर बड़े पैमाने पर अंजीर फ्रूट्स की प्रोसेसिंग कर रहे हैं। जिससे उनका टर्नओवर डेढ़ करोड़ के पार पहुंच गया है।



