
Bijnor: वर्तमान समय में किसान भाई पारंपरिक गेहू मक्का धान की खेती को छोड़ कर आधुनिक फल सब्जियो की खेती कर रहे है। साथ ही बहुत सारा मुनाफा भी कमा रहे है। देश ने खूब प्रगति की है। पहले के किसान भाई दिन रात मेहनत करके अपनी फसल बना पाते थे।
खेत की जुताई, फसल कटाई, बुबाई के लिए कई सारे लोगो की जरुरत पड़ती थी और काफी सारा पैसा भी लगता था। परंतु समय के फेर ने आज किसानों को वो सारी सुविधा दी है की किसान अब घंटो का काम मिनटों में करता है।
आज ये युवाओं ने खेती में अच्छी पैदावार के साथ उसको किस तरह सरल बनाना है और कौन सी फसल ज्यादा मुनाफा देगी इसकी रिसर्च करके किसानों की मदद की है। आज का युवा इंजीनियर या डॉक्टर नहीं है वो गर्व से कहता है कि वो एक किसान है।
अब किसान अपने खेती करने का तरीका बदल रहा है। अब लोग अनाज से ज्यादा फल सब्जी की खेती कर अपना व्यापार बढ़ा रहे है। आज की इस पोस्ट में हम ड्रेगन फ्रूट (Dragon Fruit) की फसल की बात करेंगे। यह एक विदेशी फल है, जो अब भारत में भी उत्पादित हो रहा है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है।
ड्रेगन फ्रूट के फायदे
इतना तो आप बहुत अच्छे से जानते है कि सभी फल ह्यूमन बॉडी की जरुरत होती है। उनमें पाए जाने बाले विटामिन और मिनरल्स शरीर की मरम्मत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इस लिए लोगो को सभी मौसमी फल खाना चाहिए। ड्रेगन फ्रूट (Pitaya) एक विदेशी फल है। परंतु इसके फायदे अनेक है।

हार्ट के लिए बेहद फायदेमंद होता है ड्रैगन फ्रूट। इसमें छोटे-छोटे काले रंग के बीज होते हैं। जो ओमेगा-3 ओमेगा-9 और फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है। इसके इस्तेमाल से आपका दिल हमेशा मजबूत रहता है।
इसके साथ ही डायबिटीज कंट्रोल करने में भी बहुत उपयोगी साबित हुआ।
ड्रैगन फ्रूट में भरपूर मात्रा में नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता हैं। फ्लेवोनोइड, एस्कॉर्बिक एसिड, फेनोलिक एसिड और फाइबर भी काफी मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। इसके अलावा भी यह
इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, कोलेस्ट्रॉल को को घटाता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई सारे तत्व पाए जाते है।
उत्तर प्रदेश के ऋतुराज ने की ड्रेगन फ्रूट की खेती
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य के बिजनौर (Bijnor) जिले के निवासी ऋतुराज (Ruturaj) ने आधुनिक तकनीकी और नवाचार से खेती में एक नई लहर लेकर आये है। उनका यह तरीका खेती को फायदेमंद बना रहा है। आधुनिक खेती (Modern Farming) के दौर में ऋतुराज ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को अपना मुख्य व्यवसाय बनाया और उत्तर प्रदेश के इस जिले में स्वयं की एक अच्छी खासी पहचान बनाई साथ ही अपनी आय को 2 गुना बढ़ा लिया है।

वह अपना ड्रैगन फ्रूट अपने बाजार में अन्य शहरों में और राज्यों में सप्लाई कर रहे हैं। इस नेक काम को करने के कारण डीएम ने किसान भाइयो को सम्मानित किया है। उत्तर प्रदेश के जिले बिजनोर के अंतर्गत आने वाला विकास खंड नहटौर के उमरी गांव के रहने वाले किसान ऋतुराज अपने पिता राजेंद्र सिंह के साथ ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कम से कम एक एकड़ की जमीन पर आर्गेनिक विधि से ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Ki Kheti) हुई है।
कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया ऋतुराज को
ऋतुराज अपने उत्पादन को लोकल एरिया के साथ साथ अन्य राज्यों में भी अपना उत्पाद सप्लाई करते है। जिससे उन्हें अच्छा दाम मिल जाता है। ड्रैगन फ्रूट की मांग बाजार काफी ज्यादा है। लोकल मार्केट में वे 200 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचते है। उनके पास ड्रैगन फ्रूट के 380 पोल हैं और प्रत्येक पोल पर चार पौधे लगाए जाते हैं।
इनके मुताबिक प्रतिवर्ष पांच वर्षों तक सभीपोल से उत्पादन बढ़ते बढ़ते करीब 25 से 30 किलो तक हो जाता है। वे बताते है कि पिछले साल 308 पोल से उन्हें करीब एक क्विंटल फल प्राप्त हुए थे। इस खेती में ऋतुराज के पिता राजेंद्र सिंह भी उनकी मदद कर रहे हैं।
बिजनोर के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने आधुनिक खेती को बढ़ावा देते हुए फल की खेती करने वाले किसान ऋतुराज को पुरस्कार के साथ सम्मानित किया। इस खास मौके पर उपकृषि निदेशक गिरीश चंद, जिला कृषि अधिकारी डॉ अवधेश मिश्रा, एसडीओ मनोज रावत एवं आत्मा योजना प्रभारी योगेंद्र सिंह योगी भी मौजूद थे।
जैविक खेतो को प्रेरणा बनाया
किसान ऋतुराज कहते है कि उन्होंने जैविक खेती को अपनी प्रेरणा बनाया और लोगो को भी यही सजेसन देते है कि वे जैविक खेती करके काफी अच्छा पैसा कमा सकते है। ऋतुराज बताते है कि वेअपने खेतों पर गुड़, शक्कर, सरसों का तेल, उड़द, मूंग, बासमती चावल, शरबती चावल, काला गेहूं, हल्दी जैसे उत्पादों की आर्गेनिक खेती कर रहे है। उनकी के कंपनी भी है, आर्गेनिक ऑर्चर्ड एलएलपी नाम से जहाँ वे अपने उत्पाद को पैक करके बेचते हैं।



