
Bettiah: आज के समय में लोगों का इंटरेस्ट नौकरी करने से ज्यादा व्यवसाय करने कि ओर हो गया है। आज व्यक्ति खेती भी करता है तो नये तरीके से। लोग पुरानी रूढीवादी, पारंपरिक खेती को छोड़कर नये तरीके से आधुनिक खेती करना पसंद कर रहे है।
आधुनिक खेती (Modern Farming) को करके लोग मुनाफा पारंपरिक खेती के मुकाबले कई गुना कमाते है। कुछ इसी तरह की आधुनिक खेती बिहार राज्य के एक युवक ने की। इस खेती को करने के बाद उस युवक का जीवन संवर गया।
आज की बात की जाये तो वह युवक इस नई आधुनिक खेती को करके हर महीने लाखों की कमाई कर रहा है। आखिर किस चींज की खेती करके युवक इतना मुनाफा प्राप्त कर रहा है आइये विस्तार से जानते है।
बिहार के शख्स ने की गेंदे के फूलो की खेती
आज की हमारी कहानी बिहार (Bihar) राज्य के गॉव बेतिया (Bettiah) के एक शख्स की है। इस शख्स ने खेती का पारंपरिक तरीका त्यागकर फूलों की खेती (Flower Farming) करना शुरू किया। बिहार में चनपटिया प्रखंड मे आने वाला गिद्धा पंचायत के रहने वाले किसान कुंदन ने फूलों का बिजनेस शुरू कर अपने मुनाफे को लाखों में बदल लिया। कुंदन ने पारंपरिक खेती की जगह गेंदा के फूलों की खेती शुरू की।
कुंदन ने पारंपरिक खेती को छोड़कर गेंदे के फूलों की खेती करना इसलिए शुरू किया, क्योंकि पिछले कई वर्षो से उन्हें पारंपरिक खेती जिसमें वह गेंहूँ और धान उगाया करते थे। उसमें उतना उत्पादन नही मिला जितने की वह आशा करते थे। इस बात से कुंदन जी काफी निराश थे। इसके बाद कुंदन ने पुरानी खेती को छोड़कर आधुनिक खेती करने का मन बनाया। जिसके लिए उन्होंने गेंदे के फूलो का चयन किया।
दोस्त से मिली प्रेरणा, परिवार ने दिया साथ
कुंदन ने अपने दोस्त से प्रेरित होकर फूलों की खेती करना प्रारंभ किया था। कुंदन ने जब फूलों की खेती के विषय में परिवार वालों को बताया तो प्रारंभ में परिवार वाले इसे लेकर थोड़े कंफ्यूज थे। लेकिन कुंदन की रूचि को देखकर परिवारवालों ने कुंदन के इस फैसले का साथ दिया। कुंदन ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर इसकी खेती की और आज यह स्थिति है, कि कुंदन का परिवार लाखों में कमाई कर रहा है।
पारंपरिक खेती से है बेहतर
जब कुंदन से उनके इस खेती के बिजनेस के विषय में जानकारी ली गई तो वह कहते है कि फूलों की खेती (Phoolon Ki Kheti) को हम पॉच कठठे जमीन पर करते है। वह कहते है कि यह पारंपरिक खेती से अधिक मुनाफे की खेती है। फूलों को हम पूरे सालभर खेत में लगा सकते है।

धान और गेंहू को केवल 2 बार ही साल में लगाया जा सकता है। वह बताते है कि पारंपरिक खेती के समय में उन्हें एक कठठे जमीन पर सिर्फ 2 से 4 हजार फायदा होता था। परन्तु उतनी ही जमीन पर फूलों कि खेती से उन्हें 20 से लेकर 25 हजार का फायदा होता है।
कैसे करें फूलों की खेती
आपको बता एक हेक्टेयर भूमि पर गेंदे की खेती करने के लिए लगभग 1 किलो गेंदे के बीज की आवश्यकता होती है। इन बीजो का उपयोग करके गेंदे के पोधों की नर्सरी बना ली जाती है। जब पौधा 3 से 4 पत्तियों वाला बन जाता है, तब उनको खेत में रोपित कर दिया जाता है। 40 दिन के बाद में गेंदे के पौधे से कली निकलकर आ जाती है।
अगर हमें अच्छी पैदावार चाहिए होती है, तो हम पौधें को 2 इंच तोड़ देते है। जब सर्दियों का मौसम आता है, तो गेंदे के फूल खिलने प्रारंभ हो जाते है। पहले एक समय था जब फूलों की पैदावार हासिल करना बहुत ही कठिन कार्य होता था। परन्तु बागवानी विभाग बैमोसम पैदावार की सहायता से किसानों को इस कार्य में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है।
हर कार्य में फूलों की होती है मॉंग
हम जानते है कि किसी भी मांगलिक, धार्मिक, सामाजिक या फिर सरकारी कार्य में फूलों की आवश्यकता होती है। शादी एवं बर्थडे पार्टी का फंक्शन तो हमेशा ही आयोजित होता रहता है। जिसमें लोग फूलों की डिमांड करते हे। इस वजह से इस बिजनेस में फूलों को सेल करने के लिए किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है।
कुंदन बताते है कि गॉंव के किसान इतने मुनाफे को देखने के बाद भी अपनी पारंपरिक खेती को ही करते है। वह बताते है कि किसानों का रूछान इस और नही है। जिसके लिए वह प्रयासरत है। हालांकि वह कहते है कि कुछ कुछ किसान उनसे प्रभावित होकर उनके साथ आगे बढ़ रहे है।
भारत में फूलों का व्यवसाय
भारत एक ऐसा देश है, जहॉ हर शुभ कार्य में फूलों को स्थान दिया जाता है। इसे सजावट या फिर उपहार के तौर पर देने के लिए उपयोग में लाया जाता है। भारत में इसका बिजनेस (Flower Business) कई प्रकार से होता है।
आज की बात की जाये तो तेल निष्कर्षण, इत्र, दवा निर्माण तथा विभिन्न उद्योगों में कच्चा माल के लिए फूलों का उपयोग किया जाता है। फूलों का व्यवसाय वह होता है, जिसमें फूलों को बगीचे, गमले या फिर खेत में धन अर्जित करने के उद्देश्य से उत्पादित किया जाता है।



