
Delhi: यूपीपीसीएस परीक्षा में सक्सेस पाने के लिए लोग खूब मेहनत करते है। भारत के 90 प्रतिशत युवा यूपीएससी परीक्षा के लिए इंस्पायर्ड है। यूपीएससी परीक्षा से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर मिल जाती है। अब तो UPSC परीक्षा के लिए वेब सीरीज (Web Series) भी बनने लगी है। कुछ ही समय पहले एस्पिरेंट्स नाम से एक बेव सीरीज आई है।
इस वेब सीरीज के माध्यम से यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी मैं लगे तीन दोस्तों की कहानी के बारे में बताया गया। इस कहानी के माध्यम से काफी लोगों को यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। यूपीएससी में सफलता पाना अपने आप में ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है।

यूपीएससी की सफलता के पश्चात जो नाम और शोहरत मिलता है, उसके लिए कुछ साल की परेशानी बहुत बड़ी नहीं होती। हर वर्ष लाखों लोग यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं और चुनिंदा लोग ही हैं, जो इस परीक्षा में चुने जाते हैं। यूपीएससी की परीक्षा समर्पण और अथक मेहनत का फल होता है जो उन बच्चों को मिलता है, जिनका जुनून ही सिविल सेवा परीक्षा होती है।
जाने आईएएस शुभम गुप्ता के बारे में
आईएएस अधिकारी शुभम गुप्ता (IAS Shubham Gupta) राजस्थान के राज्य के अंतर्गत आने वाले जयपुर जैसे राजस्थान की राजधानी भी कहा जाता है में 11 अगस्त 1993 जन्मे थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी राजस्थान से ही पूरी हुई, उसके बाद आर्थिक तंगी के चलते उन्हें महाराष्ट्र के छोटे से गांव में शिफ्ट होना पड़ा।
कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं की शिक्षा श्री स्वामीनारायण चला वापी गुजरात से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की, यहां उन्होंने उन्होंने अर्थशास्त्र में B.A. और और अर्थशास्त्र में ही M.A. भी किया है।
शुभम गुप्ता तीन भाई बहन है। उनसे बड़ा भाई जिसका नाम कृष्णा गुप्ता है वह एक उद्यमी हैं और उनकी बहन भाग्यश्री गुप्ता जो चार्टर्ड अकाउंटेंट है। शुभम के पिता भी एक व्यवसाई है और उनकी माता ग्रहणी।
शुभम का संघर्ष
जानकारी के साथ आपको बता दें शुभम गुप्ता अभी आईएएस के लिए चुने गए। उनका चयन वर्ष 2018 में हुआ है उन्हें ऑल इंडिया में 6 रैंक प्राप्त हुई थी। वर्तमान समय में वे महाराष्ट्र केडर गढ़चिरौली जिले में कलेक्टर के पद पर कार्यरत है।
शुभम गुप्ता का आईएएस बनने तक का सफर काफी मुश्किलों भरा था। क्योंकि शुभम गुप्ता एक मिडिल क्लास परिवार से थे और उनसे बड़े और छोटे भाई बहन भी थे, जिनकी पढ़ाई का जिम्मा उनके पिता पर था। आर्थिक तंगी के चलते उनके पिता को पूरे परिवार सहित महाराष्ट्र के एक गांव में रहना पड़ा।
IAS शुभम गुप्ता सम्मिलित होते हुए। 2018 में UPSC परीक्षा में 6वी रैंक के साथ टॉपर रहे। pic.twitter.com/A3os2Gk8ks
— sanatanpath (@sanatanpath) February 18, 2022
उनके गांव के आसपास दूर-दूर तक कोई इंग्लिश मीडियम स्कूल नहीं था, परंतु वे अपने बच्चों को अच्छे से अच्छा एजुकेशन देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने बच्चों को अपने से बहुत दूर गुजरात भेज दिया जहां उन्होंने श्री स्वामीनारायण चला वापी गुजरात में अपने आगे की शिक्षा पूरी की।
बहन का मिला साथ
शुभम को अपनी बहन का साथ मिल गया इसीलिए दोनों भाई बहन ट्रेन से आना-जाना किया करते थे। वे रोजाना सुबह 6:00 बजे ट्रेन पर बैठ कर अपने स्कूल पहुंचते और 3:00 बजे के बाद भी अपने घर आ पाते थे।
शुभम गुप्ता के पिता महाराष्ट्र के धनु रोड पर एक फुटवियर की दुकान खोली। उस दुकान से होने वाली कमाई से भी अपने परिवार को पालते थे, साथ ही अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भी पैसे कमाते थे।
Maharashtra Cadre IAS Officer Mr. Shubham Gupta gives this visiting card to any one visiting his office. This Visiting Card grows into a beautiful basil plant when planted. Excellent Initiative.@IASassociation pic.twitter.com/yxMdeED37i
— Raj Kamal Bindal (@RajKamalBindal) September 10, 2021
अपने पिता की मेहनत को देखकर शुभम अपनी पढ़ाई के बाद अपने पिता के साथ दुकान पर बैठता था, जिसके चलते उनकी पढ़ाई में भी काफी ज्यादा प्रभाव पड़ने लगा था। परंतु उन्होंने अपने लक्ष्य को कभी नहीं भूला बल्कि उन्होंने पहले से ज्यादा मेहनत करना प्रारंभ कर दिया।
कई पदों पर किया है काम
कक्षा 12वीं की पढ़ाई के बाद शुभम गुप्ता अपने आगे की स्टडी के लिए जब दिल्ली चले गए तो उन्होंने वहीं से वर्ष 2015 से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2015 से लेकर उन्होंने 17 तक तीन प्रयास किए, परंतु उन्हें कोई खास सफलता हाथ नहीं लग रही थी, इसीलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई को और ज्यादा अच्छे से करने का प्रयास किया।
Already 4 years to this! 05.04.2019 was indeed a magical day. pic.twitter.com/q42BjIjKIp
— Shubham Gupta (@ShubhamGupta_11) April 6, 2023
वर्ष 2018 में उन्हें छठवीं रैंक प्राप्त हुई, इसके बाद वे आईएएस अधिकारी (IAS Officer) के लिए चुने गए। वर्ष 2018 से लेकर उन्होंने अभी तक कई पदों पर काम किया है और जहां-जहां और जिस जिस पद पर काम किया है, हर पद में अपनी काबिलियत के झंडे गाड़े हैं।



