बेटे ने अपने किसान पिता को खेतों में कड़ी मेहनत करते देखा, तो कम खर्चे पर कृषि ड्रोन बना दिया

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Drone innovation
A Student made agricultural drone at low prices. A farmer's son made unique drone who is helpful for farmers in India.

Nagpur: हमारे देश की अधिकतर जनसंख्या खेती पर ही आश्रित होती है। क्योंकि देश में बढ़ रही जनसंख्या के कारण अधिक लोग बेरोजगारी का शिकार होते जा रहे हैं। बेरोजगारी के कारण अब सभी को लगता है कि खेती करना बहुत ही आसान है। परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

आपने देखा ही होगा कि किसान अपना पुरा टाइम खेतो में ही व्यतीत करते हैं। लेकिन अब इस आधुनिक टेक्नोलॉजी की दुनिया में हमारे देश में कई सारे नए-नए उपकरण निकल चुके हैं। जिसकी सहायता से खेतों में किसानों का टाइम के साथ-साथ मेहनत भी बच जाती है। परंतु जो किसान अपनी आर्थिक स्थिति के कारण आज के बने नए उपकरण नहीं खरीद पाते, वह किसान अपनी शरीर की सारी एनर्जी खेती मे उग रही फ़सल को तैयार करने मे ही लगा देते हैं।

पिता की कड़ी मेहनत को कम करने के लिए पुत्र ने किया एक कृषि ड्रोन का निर्माण

हम आज इस पोस्ट के जरिए एक ऎसे पिता पुत्र की कहानी लेकर आये हैं, जो कि महाराष्ट्र (Maharastra) के जिले वर्धा (Wardha) हिंगणघाट के रहने वाले हैं। इस बेटे ने अपने पिता की मेहनत को देखकर कुछ ऐसा किया कि उनके लिए यह प्रेरणा का विषय बन गया।

उस बेटे ने अपने पिता की कड़ी मेहनत को कम करने के लिए एक कृषि ड्रोन (Agricultural Drone ) का निर्माण बहुत ही कम खर्चे में किया। यह कृषि ड्रोन आज के समय मे फ़सलो पर छिड़काव के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रहा है।

फसलों पर दवाई छिड़कने में किया जाता हैं इसका उपयोग

आपको बता दें कि यह छात्र जिसका नाम राम सतीश कावले (Ram Satish Kaavle) है। वह हिंगणाघाट के रहने वाले हैं। उन्होने फ़सलो पर छिड़काव के लिए ऐसे कृषि ड्रॊन का निर्माण किया कि वह सबकी चर्चा में आ गये। राम सतीश ने अपनी पढ़ाई विधा विकास जूनियर कालेज से आटो मोबाइल टेक्नोलाजी मे वोकेशनल कोर्स किया है। जिससे उन्होने एक कृषि ड्रोन का निर्माण किया है। जिसके उपयोग से फसलों पर दवाइयाँ को आसानी से छिड़क सकते हैं।

शादी के ड्रोन को देखकर किया कृषि ड्रोन बनाने का फैसला

राम कावले (Ram Kaavle) जिन्होंने कृषि ड्रोन का निर्माण किया है, वह बताते है कि अपने अध्ययन मे उन्होने इसी तकनीक के बारे मे पढ़ा था। कालेज मे बीएच की पढ़ाई के बाद इस तकनीक का उपयोग करके ड्रोन बनाया था। तब से इस तकनीक में उन्होने अच्छे से ड्रोन बनाने की प्रकिया को जान लिया।

वह बताते है कि जब भी वह अपने पिता को खेतो की फ़सलो पर दवाइयाँ छिड़कने मे लगी मेहनत को देखते तो उन्हे अच्छा नहीं लगता था। उन्होने बताया कि जब मै अपने पुरे परिवार के साथ शादी में गया था, तब मैने उस शादी में एक ड्रोन को देखा था। उसी समय मैने ड्रोन बनाने का निर्णय लिया था।

वह बताते है कि मेरे मन में विचार आया कि क्यो ना फ़सलो मे छिड़काव के लिए मै स्वयं ही एक ड्रोन तैयार करू। उस समय इस तकनीक के बारे मे घर के किसी भी सदस्य को कुछ जानकारी नहीं थी। मैने इसका अध्ययन किया और एक ऐसे ड्रोन का निर्माण किया जो खेतो मे छिड़काव के लिए उपयोगी साबित हो सके। जिससे फ़सलो को कीटो से आसानी से बचाया जा सके।

ड्रोन बनाने में आया इतना खर्चा

आपको बता दें कि राम कावले एक आम परिवार से है। उनकी स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह खुद से एक ड्रोन तैयार कर सके इसलिए उन्होने ड्रोन के स्पेयर पार्ट्स अपने रिश्तेतेदारो और दादा जी की मदद से मगवाए।

राम ने इस ड्रोन मे दवाइयाँ को भरने के लिए अधिकतम 10 लीटर तक की क्षमता का टैंक तैयार किया। जिससे यह ड्रोन खेत के चारो तरफ़ के एरिया को कवर कर एक एकड़ जमीन पंद्रह से बीस मिनट में स्प्रे कर दे। इस ड्रोन को तैयार करने मे लगभग 2.50 लाख रुपये की लागत लगी है। वह आगे कहते है कि मैं ड्रोन के बारे में और भी सर्च कर रहा हूं। ताकि ड्रोन का निर्माण कम से कम दाम में हो जाए।

विधायक ने राम की मदद करने का दिया दिलासा

राम कावले कों वर्धा जिले के विधायक ने भी दिलासा दिए कि वह ड्रोन को बनाने में राम की मदद करेंगे। उन्होने राम के द्वारा बनाए गए इस ड्रोन कि प्रसंशा करते हुए कहा कि इस ड्रोन कि खेती में बहुत ही आवशयकता है।

विधायक समीर कुनवर कहते हैं कि खेती कर रहें हर किसानो तक यह तकनीक पहुंचे और वह राम के द्वारा बनाए गए इस ड्रोन का उपयोग कर सके इसमें हम राम की मदद अवश्य करेंगे।

विधायक समीर कहते है कि खेती करना बहुत हीं हार्ड काम होता है। आज की नई दुनिया में खेती में भी विभिन्न शोध किए जा रहे हैं। इसलिए इसके क्षेत्र में भी आटोमेटेड ड्रोन की जरूरत है।

छात्र ने ऐसा ड्रोन तैयार किया है कि जिस पर और अच्छे से रीसर्च कि जा रही है। ताकि हर किसान को इसका लाभ मिल सके। यदि सरकार अनुसंधान की मदद करे और सब्सिडी दे तो किसान कम दाम में इस ड्रोन को खरीद सकते हैं और खेत में इसका उपयोग कर सकते हैं।

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