सब्जी वाले के बेटे ने UPSC Exam में 8वी रैंक लाई, खबर सुनकर माता पिता खुद को रोक नहीं पाये

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Sharan Kamble UPSC
Maharashtra Farmer's Son Sharan Kamble Bags 8th Rank In UPSC Exam. Vegetable vendor's son gets success in Civil Service Exam.

Photo Credits: Twitter(@TbiHindi)

Nasik: यूपीएससी कि परीक्षा हर साल लाखों कैंडिडेट्स देते हैं। इस परीक्षा की कठिनाई का स्‍तर इतना अधिक है, कि कुछ चुनिंदा लोग ही इस एग्‍जाम को निकालने में कामयाबी हासिल कर पाते है। वैसे तो हर यूपीएससी कैंडीडेट की अपनी एक अलग कहानी होती है। जो कि खास होती है।

आज हम एक ऐसे ही कैंडिडेट की कहानी लेकर आये है। जिसके जीवन के बारे में जानकर आपको उनसे प्रेरणा मिलेगी। हम बात कर रहे है, शरण कांबले (Sharan Kamble) की। जिन्‍होंने सिविल सर्विस की परीक्षा (Civil Service Exam) में ऑल इंडिया आठवी रैंक हासिल की, जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

उनकी इस सक्‍सेस से उनका परिवार और गॉंव वाले दोनो ही बहुत ही खुश हे। उनकी इस सक्‍सेस पर उनके गॉंव वालों ने शरण कांबले को कंधे पर बैठाकर उनकी कामयाबी पर बधाई दी और गॉंव में उनका बेलकम किया।

शरण कांबले जी कि शुरूआती जिंदगी

शरण कांबले की सक्‍सेस (Sharan Kamble Success) इतनी बड़ी इसलिए भी है। क्‍योंकि वह एक सम्‍पन्‍न परिवार से नहीं है और उन्‍हें अपनी तैयारी बहुत ही सोच समझकर घर की आर्थिक कंडीशन को देखकर करनी पड़ी। उन्‍होंने अपने घर की आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज ना करते हुए अपनी परीक्षा की तैयारी पूरी की।

शरण कांबले जी के परिवार की बात कि जाये, तो उनके पिता महाराष्ट्र के सोलापुर में खेत में मजदूरी करने का कार्य करते थे ओर बहुत ही मुश्किल से अपने पूरे परिवार का पेट पाल पाते थे। शरण बताते है, कि उनके घर की हालत इतनी खराब थी कि कई बार तो उन्‍हें भूखे पेट भी सोना पढ़ा है। लेकिन उनकी पढ़ाई के खर्चे में उनके परिवार ने कभी कोई कमी नहीं कि और उन्‍हें आगे बढ़ने दिया।

इसी वजह से वह इस मुकाम पर पहुँच पाये है। शरण कांबले अपनी सक्‍सेस का श्रेय अपने माता पिता को देते है। शरण कांबले जी के पिता जी कहते है कि वह अपने बेटे की इस सक्‍सेस से बहुत ही खुश हे, और उन्‍हें उस पर बहुत गर्व भी है।

सेल्‍फ स्‍टडी है ज्‍यादा जरूरी

शरण कांबलेजी अपनी सक्‍सेस मंत्र के बारे में बताते हुए कहते है, कि यूपीएससी की परीक्षा में कोचिंग से ज्‍यादा आपकी कड़ी मेहनत काम आती है। आज जितना अधिक खुद से ही मेहनत करेंगे उतना ही आप इसमें सेलेक्‍शन करने की और कदम बढ़ाते जाएंगे।

वह कहते है, कि कोचिंग एक समय तक ही आपकी मदद करती है। कुछ समय बाद यह आपके काई काम नहीं आती है। क्‍योकि पेपर में आपको अकेले ही बैठना है। इसलिए आपकी मेहनत ही सबसे अधिक जरूरी है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा सेल्‍फ स्‍टडी करें और बुक्‍स ज्‍यादा पढ़ने की जगह बुक्‍स बार बार पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।

खुद के बनाए नोट्स ही दिलाते है सक्‍सेस

इसके आगे शरण कांबले जी छात्रों को टिप्‍स देते हुए कहते है, कि परीक्षा की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स कई बार केवल बुक ही पढ़ते रह जाते हैं। वह खुद के नोट्स नहीं बनाते, जिस वजह से उनकी सक्‍सेस होने के चांस कम हो जाते है। जिससे परीक्षा के समय हमें बहुत ही दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है।

रिविजन करते समय हमें बार बार बुक खोलनी पड़ती है। इसलिए अगर आप खुद के नोट्स बना कर पढ़ेंगे, तो आपको जरूर फायदा होगा और आप इस परीक्षा में पास होने के एक कदम आगे बढ़ जायेंगे इससे पढ़ने में आपको आसानी होगी। और पेपर पास आते आते आप बहुत ही आसानी से रिविजन कर पाएंगे।

बचपन से पढ़ाई में तेज थे शरण

शरण कांबले बताते है कि वह बचपन से ही पढ़ाई बहुत तेज थे और उनका मन पढ़ाई में बहुत ही अधिक लगता था। लेकिन उनके घर की हालत बहुत ही खराब थी। उनका घर बहुत ही मुश्किल से चल पाता था।

शरण कांबले जी की मां सब्जी बेचा करती थी। हालांकि बाद में शरण के बड़े भाई की नौकरी लगने पर उनके परिवार में सुधार होने लगा था। उनके घर की हालत काफी संभल गई थी। शरण कांबले के भाई ने भी बीटेक किया था। उससे ही वह नौकरी हासिल कर पाए थे।

शरण कांबले के मॉ बाप दूसरों के खेतों में जाकर काम करके थे और जो पैसे कमाते थे, उससे घर तो चलाते ही थे। लेकिन अपने बच्‍चों कि पढाई में किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ते थे। शरण के पिता जी कहते है, कि वह नहीं जानते कि उनको बेटों ने किस चीज की पढ़ाई की है, लेकिन वह यह जरूर जानते है कि उनका बेटा मास्‍टर बन गया है।

आज शरण कांबले जो कुछ बन पाये है वह कहते है कि वह अपने माता पिता कि बदौलत ही बन पाये है, वह उन्‍हें पढ़ाई करने में मदद ना करते और सपोर्ट ना करते, तो वह इस मुकाम पर नहीं पहुँच पाते शरण कांबले ने जो सक्‍सेस पाई है।

वह एक बहुत ही बड़ी सक्‍सेस है, यूपीएससी में 8वी रेंक (8th Rank In UPSC) हासिल करना अपने आप में ही गर्व कि बात है। उनकी इस सफलता में उनका पूरा गाव उन पर गर्व कर रहा है। शरण कांबले कि इस सक्‍सेस पर हम उन्‍हें बधाई देते है।

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