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Mangaluru: जरूरी नहीं होता कि हर व्यक्ति किसी प्राइवेट या गवर्नमेंट जॉब से ही सेटिस्फाई हो। बहुत से लोग सोचते हैं और मानते हैं कि खुद का कारोबार अच्छा होता है, वह किसी की नौकरी करना पसंद नहीं करते क्योंकि प्राइवेट नौकरी हो या फिर सरकारी दोनों में ही बड़े अधिकारियों का दबदबा होता है। इसके चलते लोग अपना खुद का व्यापार या खुद का काम करना सही समझते हैं।
अच्छे-अच्छे इंजीनियर बड़ी एमबीए जैसी डिग्री प्राप्त छात्र खुद का छोटा-मोटा स्टार्टअप करके उसे बड़ा कैसे करना है इसका विचार करते हैं। ऐसे कई उदाहरण देखें जा चुके हैं जो अच्छे खासे पैकेज के साथ जमी जमाई नौकरी को छोड़ कर अपना खुद का कारोबार स्थापित करते हैं।
व्यक्ति वही करता है जिसमें वह संतुष्टि प्राप्त कर सके। आपदा काल के बाद व्यक्तियों के अंदर काफी ज्यादा इनसिक्योरिटी आ गई है, क्योंकि इस महामारी ने कई व्यक्तियों से उनकी नौकरियां छीनी। हम कह सकते हैं कि इस महामारी ने लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।
लोग आत्मनिर्भर बनने के लिए खुद के काम को बढ़ावा दे रहे हैं, इस कारण से रोजगार बढ़ रहा है और भारत में चीजों की उपलब्धता जिससे भारत बहुत जल्द एक विकसित देश साबित होगा। आज हम एक ऐसे शख्स की बात करेंगे जिसने अपनी नौकरी छोड़ अपना खुद का व्यापार किया और आज साल का 10000000 रुपए कमाता है।
जाने श्रीनिवास गोंडा की कहानी
कुछ समय और उससे पहले भी हमने सुना है और देखा है की कई व्यक्ति अपनी अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर खुद के व्यवसाय का निर्माण करते हैं, इसका कारण लोगों के मन की असंतुष्टि है। ऐसा काम वही व्यक्ति करता है, जिसके मन में कोई और काम की इच्छा है और वह जो काम कर रहा है वह वेमन से कर रहा होता है। मन लगाकर किया गया काम हर काम से ज्यादा अच्छा और कामयाब होता है।
न्यूज़ एजेंसी ANI की खबर के मुताबिक़ कुछ ऐसी ही कहानी है श्रीनिवास गोंडा (Srinivas Gowda) की, जो एक बहुत बड़ी आईटी कंपनी (IT Company) में जॉब करते थे। महीने का लाखों रुपए कमाते थे, परंतु अपने काम से संतुष्ट नहीं थे, इसी वजह से उन्होंने गधी के दूध से अपना व्यापार बनाया।
प्रारंभ मे नहीं किया किसी ने सपोर्ट
कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु के निवासी श्रीनिवास गोंडा आईटी सेक्टर (IT Sector) में एक अच्छे पैकेज में जॉब कर रहे थे परंतु उन्होंने नौकरी छोड़ गधी के दूध से अपना व्यापार करना चाहा और वह कामयाब हुए आज उन्हें इस काम से काफी ज्यादा फायदा हो रहा है। 20 गधियो के साथ अपने डंकी की फार्म हाउस (Donkey Farm House) का निर्माण किया। जिसमें 42 लाख रुपए की लागत लगाई।

श्रीनिवास बताते हैं कि आईटी कंपनी में जॉब करते थे परंतु उनका मन उस काम में नहीं लगता था, क्योंकि उनके दिमाग में शुरू से ही व्यापार करने के आईडिया (Business Idea) चलते थे, इसलिए उन्होंने इस नौकरी को छोड़ा।
आगे वे कहते हैं कि उनके दिमाग में ढेर सारे आइडियाज थे, पर उन्होंने खूब सोच विचार कर गधी के दूध का व्यापार चुना। शुरू में जब उन्होंने लोगों को इस व्यापार के बारे में बताया, तो किसी ने उनका साथ नहीं दिया इसके बावजूद भी वे अपने काम से पीछे नहीं हटे।
17 लाख से भी ज्यादा का मुनाफा कमा चुके हैं
श्रीनिवास ने अपने डोंकी फार्म का निर्माण दक्षिण कन्नड़ जिले में किया। उन्होंने कर्नाटक (Karnataka) राज्य के साथ-साथ भारत में भी पहला डोंकी फार्मिंग और ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया। वे अपने व्यवसाय के विस्तार पर प्लानिंग करते रहे और उसमे सफल भी हुए।
Presently we have 20 donkeys and I have made an investment of around Rs 42 lakhs. We are planning to sell donkey milk which has a lot of advantages. Our dream is that donkey milk should be available to everyone. Donkey milk is a medicine formula: Srinivas Gowda, farm owner pic.twitter.com/Mo0KxVJ9nN
— ANI (@ANI) June 16, 2022
उन्होंने 4000000 रुपए की लागत लगाई और 20 गधी से अपना कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे उनके कारोबार में वृद्धि हुई और उन्हें धीरे धीरे ढेर सारे आर्डर मिलने लगे फल स्वरूप श्रीनिवास अपने व्यापार में सफल रहे और अभी तक 1700000 से भी ज्यादा का मुनाफा कमा चुके हैं।
गधी के दूध के फायदे से लोगों को रूबरू कराना है
इस व्यापार के पीछे श्रीनिवास गोंडा का मकसद देश के हर व्यक्ति को गधे के दूध (Donkey Milk) के फायदे से रूबरू कराना हैं वे चाहते हैं कि यह दूध भारत के सभी लोगों के पास पहुंचे। दरअसल गधी का दूध एक दवाई की तरह काम करता है।
Karnataka | A man quits his IT job to open a 'Donkey Milk Farm' in Mangaluru
I was previously employed in a software firm until 2020. This is one of a kind in India and Karnataka's first donkey farming and training center: Srinivas Gowda, farm owner pic.twitter.com/pLvrnWCV1j
— ANI (@ANI) June 16, 2022
श्रीनिवास 30 मिलीलीटर के गधी के दूध को 150 Ru में बेचते हैं। श्रीनिवासन चाहते हैं कि गधी का दूध कर्नाटक राज्य के हर शहर में बिके जैसे दुकान मॉल और सुपरमार्केट आदि। वे कई ब्यूटी प्रोडक्ट निर्माता कंपनियों को भी गधी का दूध बेचना चाहते हैं।



