एक बेटा अपनी रिटायर हुई टीचर माँ को हेलीकॉप्टर से लेने पहुंचा, खास दिन को बना दिया यादगार

0
1824
mother helicopter ride
A son gifted his mother helicopter ride as a retirement gift in Ajmer. Yogesh Chauhan is son of Sushila Chauhan who is retired teacher.

Photo Credits: Twitter(@ANI_MP_CG_RJ)

Ajmer: रिटायरमेंट का दिन हर कर्मचारी के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण पल होता है। इस दिन कर्मचारी अपनी पूरी सर्विस को याद करके भा‍वुक होता है। साथ ही उन्‍हें खुद पर गर्व भी महसूस होता है। इस दिन रिटायर्ड कर्मचारी को लोग बहुत ही सम्‍मान देने है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए गाने बाजे के साथ व्‍यक्‍ति को उसके ऑफिस से मान सम्‍मान के साथ विदा किया जाता है।

परिवार में प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति इस दिन बहुत ही भावुक नजर आता है। इस दिन को खास बनाने के लिए हर व्‍यक्‍ति कुछ ना कुछ नया जरूर करता है। गाने बाजे के साथ बग्‍घी करना घर पर रिटायरमेंट पार्टी (Retirement party) देना यह बहुत ही आम बात है। परन्‍तु राजस्‍थान (Rajasthan) राज्‍य के अजमेर (Ajmer) में एक बेटे ने अपनी मॉं का रिटायरमेंट यादगार बनाने के लिए जो किया वह आज तक किसी ने भी नहीं किया।

मॉं के रिटायरमेंट पर बेटा मॉं को हेलीकॉप्‍टर से लेने पहुँचा

राजस्‍थान में रहने वाली सुशीला चौहान (Sushila Chauhan) का रिटायममेंट अभी हाल ही में शनिवार को हुआ। सुशीला चौहान जी टीचर (Teacher) के पद से सेवानिवृत्‍त हुई। ऐसे में बेटे ने मॉं का दिन खास और यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्‍टर से उन्‍हें स्‍कूल लेने पहुँचा।

जी हॉ आपने सही पढ़ा राजस्‍थान में टीचर सुशीला चौहान के रिटायरमेंट पर उनका बेटा योगेश (Yogesh Chauhan) उन्‍हें हेलीकॉप्‍टर (Helicopter) में लेकर अपने घर के नजदीक तोपबड़ा स्‍कूल मैदान तक लाया। अपनी मॉं की ओर इस प्रकार का असीम प्रेम देखकर हर कोई योगेश की चर्चा कर रहा है। लोग उसकी तारीफ करते नही थक रहे।

अमेरिका में इंजीनियर पद पर कार्यरत है बेटा

आपको जानकारी के लिए बता दे कि योगेश चौहान एक इंजीनियर है। वह अमेरिका में इंजीनियर के पद पर है। वह अमेरिका में 14 साल से रहते है। वह अपने बच्‍चे और पत्‍नी के साथ अमेरिका में रहते है। सुशीला पीसांगन पंचायत क्षेत्र में राजकीय विद्यालय से इस शनिवार को रिटायर हुई।

जब वह स्‍कूल से रिटायर होकर स्‍कूल से मान सम्‍मान लेने के बाद स्‍कूल से निकली, तो उन्‍होंने देखा कि स्‍कूल के मैदान में एक हेलीकॉप्‍टर खड़ा है। जोकि उन्‍हे ले जाने के लिए लाया गया है। उस हेलीकॉप्‍टर के साथ उनका बेटा भी उन्‍हें नजर आया। यह देखने के बाद सुशीला जी आश्‍चर्य में पड़ गई साथ ही वह यह जानकर की उनका बेटा उन्‍हें हेलीकॉप्‍टर से लेने आया है, वह बहुत खुश भी हुई।

पहले ही सोच लिया था कि मॉं के लिए कुछ अनोखा करेंगे

अपनी मॉं के रिटायरमेंट को यादगार बनाने का मन योगेश का पहले से ही था। इसलिए वह अपनी मॉं के रिटायरमेंट पर चार दिन पहले से ही अमेरिका (America) से अपने शहर अजमेर आ गया था।

यहॉं आने से पहले ही योगेश ने मन बना लिया था कि वह अपनी मॉं सुशीला चौहान को हेलीकॉप्‍टर में अपने घर तक लेकर जाएंगे। इसिलए उन्‍होंने अजमेर पहुँचने के तुरन्‍त बाद ही जिला प्रशासन से इस बात की परमिशन ले ली थी।

मॉं का अधूरा कार्य बेटे ने किया पूरा

योगेश से जब पूछा गया कि यह अनोखा विचार उनके मन में कहॉं से आया तो वह बताते है, कि 2 साल पहले ही उनके परिवार में छोटी बच्‍ची जन्‍मी है। वह बताते है कि उनकी मॉं सुशीला जी पोती का जब से जन्‍म हुआ है, तब से उससे मिल नहीं पाई थी।

जब फोन में बात होती थी, तो सुशीला जी हमेशा यह बात करती थी कि वह अपनी पोती को जब वह भारत आयेगी तो एयरपोर्ट से हेलीकॉप्‍टर पर घर तक लेकर आएंगी। यह बात योगेश के मन में बहुत समय तक चलती रही। इसी बात को मन में योगेश ने बिठा लिया और यह ठाना कि अपनी मॉं के रिटायरमेंट पर वह इसी तरह का कुछ नया अपनी मॉं के लिए करेंगे।

इसलिए वह हेलीकॉप्‍टर पर अपनी मॉं को घर तक लेकर आये

योगेश बताते है कि वह अपनी मॉं से बहुत प्‍यार करते है। वह चाहते थे कि उनकी मॉं का रिटायरमेंट बहुत अच्‍छा हो यह दिन मॉं के लिए सबसे यादगार हो। योगेश कहते है कि उनकी मॉं की वजह से ही आज वह सफल है।

उनकी मॉं की मेहनत का ही नतीजा रहा है, कि वह इस मुकाम तक आ गये है। अपनी मॉं का दिन खास बनाने के लिए ही वह उन्‍हें हेलीकॉप्‍टर से लेने गये। इस बात के लिए वह काफी गर्वित भी है कि उन्‍होंने अपनी मॉं के लिए यह सब किया।

सुशीला जी बेटे पर है गर्वित

सुशीला जी इस मौके पर अपने भाव प्रकट करते हुए कहती है, कि यह दिन उनका सबसे बड़ा और यादगार रहा है। वह कहती है कि उन्‍होंने यह अपेक्षा नहीं की थी यह दिन उनका बेटा इतना खास बना देगा। वह कहती है कि हेलीकॉप्‍टर पर अपनी पोती को लेने तो उन्‍हें जाना था। परन्‍तु ऐसा हो नहीं पाया।

बेटे ने इस अधूरे काम को पूरा कर दिया। बेटे ने उनसे कहॉ कि अब में आपको हेलीकॉप्‍टर में लेकर आउँगा। सुशीला जी कहती है किे यह दिन वह कभी भी नहीं भूलेंगी। वह कहती है इस खास दिन पर मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मुझे बहुत ही अच्‍छा महसूस हो रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here