वह गामा पहलवान जो कभी किसी से नहीं हारा, जानें उनकी डाइट, कसरत और दिनचर्या की पूरी डिटेल

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Gama Pehalwan
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Bhopal: पहलवान की ताकत का अंदाजा लगाना हमारे लिए बहुत मुश्‍किल है। सिर्फ भारी भरकम शरीर पहलवान की पहचान नहीं होती। उनकी पहचान उनकी ताकत से होती है। जो उन्‍हें एक अच्‍छी डाइट ओर प्रतिदिन एक्‍सरसाईज करके मिलती है।

हमारे देश में भी कई ताकतवर पहवान जन्‍में जिनके विषय में हम काफी अच्‍छे से जानते है दारा सिंह, ग्रेट खली इनका नाम पहलवानों कि लिस्‍ट में सबसे पहले आता है। ऐसे ही एक पहलवान के विषय में आज हम कुछ जानकारी लेकर आये है।

आज की हमारी कहानी गामा पहलवान (Gama Pehlwan) की है। इन्‍हें रूस्‍तम ऐ हिन्‍द के नाम से भी जाना जाता है। गामा पहलवान वह पहलवान थे, जिसने अपने जीवन में कुल 52 साल सिर्फ ओर सिर्फ कुश्‍ती की। कई खिताब अपने नाम किये और कभी भी दुनिया के किसी पहलवान के सामने नहीं झुके।

गामा पहलवान ने अपने जीवन में जितनी भी लड़ाई लड़ी सभी में विजय पाई। कहा के थे गामा पहलवान और क्‍या खाते थे वह अपने शरीर को ताकतवर बनाने के लिए आइये जानते है।

गूगल ने डूडल करके सेलीब्रेट किया गामा का जन्‍मदिन

आपको बता दे अभी हाल ही में गामा पहलवान जिसे रूस्‍तम ऐ हिंद (Rustom E Hind) के नाम से भी जाना जाता है। उनका 144 जन्‍मदिन सेलीब्रेट किया गया। गूगल ने गामा पहलवान का डूडर बनाकर उनके जन्‍मदिन को अहम बनाया।

अपने जीवन में वह जितनी भी कुश्‍ती में शामिल हुए कहा जाता है कि वह किसी में भी नहीं हारे। कहा जाता है कि जब वह अपने जीवन के अंतिम सफर में थे। तब उन्‍हें आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा था। आइये जानते है गामा पहलवान के जीवन और उनकी ताकत के विषय में।

सिर्फ दस वर्ष की उम्र से पहलवानी शुरू कर दी थी

गामा पहलवान जिन्‍हें रूस्‍तम ए हिंद के नाम से जाना जाता है। वह पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) से ताल्‍लुक रखते थे। उनका जन्‍म सन 1878 में 22 मई को हुआ था। इनके पिताजी का नाम अजीज बख्‍श था।

वही बात की जाये गामा पहलवान की तो उनके बचपन का नाम गुलाम मोहम्‍मद (Ghulam Mohammad Baksh Butt) था। उनके पहलवानी करियर की बात करें तो जब वह 10 साल के थे, तब से उन्‍होंनें पहलवानी करनी शुरू की थी। गामा जी ने कुश्‍ती की बारीकी पहलवान माधों सिंह जी से सीखी थी।

उसके बाद दतिया के महाराज जिनका नाम भवानी सिंह था। उन्‍होंने गामा पहलवान को पहलवानी करने की सारी सुविधाएं प्रदान की। इसके बाद से ही गामा की पहलवानी में निखार आया। गामा ने अपने जीवन के 52 साल के पहलवानी करियर में किसी भी मुकाबले को नहीं हारा था। जब भारत पाकिस्‍तान का 1947 में बटवारा हुआ था। तब गामा अपने परिवार को लेकर लाहौर बसने चले गये थे।

5000 दण्‍ड बैठक और एक हजार लगाते थे पुशअप

गामा पहलवान जिन्‍हें रूस्‍तम ऐ हिंद के नाम से जाना जाता है। उनकी ताकत की बात करें तो उनके शरीर में इतनी एनर्जी थी की वह प्रत्‍येक दिन 1000 पुशअप मारते थे। वही बात की जाये दण्‍ड बैठक की तो वह एक दिन में कुल 5000 दण्‍ड बैठक कर लिया करते थे। उनमें इतनी ताकत थी कि उनके नाम से ही लोग काँपते थे। अपने जीवन में वह कभी भी कोई मेच नहीं हारे। कोई भी गामा पहलवान के सामने टिक नहीं पाता था। उन्‍होंने हर पहलवान को धूल चटा दी थी।

10 लीटर दूध, 6 मुर्गे तथा 100 रोटी प्रतिदिन का भोजन

गामा पहलवान का शरीर बहुत ही ताकतवर था। उनका शरीर काफी भारी भरकम था। यह शरीर उन्‍होने अपनी परफेक्‍ट डाइट प्‍लान से बनाई थी। उनकी डाइट के विषय में जब लोग जानते थे तो उन्‍हें यकीन ही नहीं होता था।

लोग उनकी डाइट जब देख लेते थे, तो दांतो तले उंग्‍ली दबा लेते थे। क्‍योंकि उनकी डाइट इतनी ज्‍यादा थी जिसके बारे में आम व्‍यक्‍ति सोच ही नहीं पाता था। उनकी डाइट की बात करें तो वह प्रतिदिन 10 लीटर दूध पीते थे। 6 देसी मुर्गे अकेले खा जाते थे। आधा किलो घी और बादाम का शरबत पीते थे। इसके साथ ही वह प्रतिदिन 100 रोटी भी खा लिया करते थे।

ब्रूस जी जैसे पहलवान भी थे रूस्‍तक ऐ हिन्‍द से प्रभावित

बताया जाता है क‍ि गामा ने अपना शरीर पत्‍थर का डंबल उठाकर बनाया था। ब्रूस ली के विषय में तो हम सभी ने सुना है। कहते है कि ब्रूस ली रूस्‍तम ऐ हिंद से काफी प्रभावित थे। उनसे ही ब्रूस ली जी ने बॉडी बनानी सीखी थी।

ऐसा कहा जाता है कि ब्रूस ली आर्टिकल्‍स में छपने वाले गामा पहलवान की सभी कसरत को देखते थे। उस पर अपनी कड़ी नजर जमा कर रखते थे। फिर उसी को देखकर खुद प्रैक्टिस किया करते थे। दण्‍ड बैठक की बात करें, तो ब्रूस ली ने दण्‍ड बैठक लगाना भी रूस्‍तम ऐ हिन्‍द को देखकर सीखा था।

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