इस महिला ने खास तकनीक से कम लागत में अंजीर की खेती शुरू की, अब बंपर कमाई होने लगी

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Anjeer Ki Kheti
Rajasthan Dausa Woman Farmer Meera Meena Started Fig Farming And Earning Well. She Explains That How To Do Anjeer Ki Kheti.

Demo File Photo Used

Dausa: हर स्थान की जलवायु अलग अलग होती है और हर फसल के लिए भी। आप कभी भी कोई सी भी फसल नहीं उगा सकते सही ज्ञान और सही जलवायु का होना बेहद जरूरी होता है। जैसे ठंडे प्रदेशों में कई तरह के ड्राई फ्रूटस और कई तरह के मौसमी फल उगते है। ऐसे ही कुछ जगहों पर मसाले और कुछ जगह पर अनाजों की पैदावार बहुत अच्छी होती है।

हम जानते है को ड्राई फ्रूट्स और मौसमी फल हमारे शरीर के लिए काफी अच्छे होते है। परंतु इनकी फसल हर कही नही उग सकती इसलिए कई जगहों पर इनका दाम काफी ज्यादा होता है। देश में आधुनिक खेती के चलते लोग कई तरह के विकल्प निकाल रहे है। हर फसल को उगाने के लिए रिसर्च करके फसलों के अनुसार वातावरण तैयार किया जा रहा है। जिससे वे अपने देश में अपने प्रदेश में उन फसलों को उगा सके और अधिक उनाफा कमा सके।

आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे अंजीर की खेती (Anjeer Ki Kheti) की। हम सब अंजीर के गुणों से वाकिफ है। यह फल पेट की समस्या से निजात दिलाता है और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है। तो आइए हम बात करते है, मीरा मीणा (Meera Meena) के द्वारा की जा रही अंजीर की खेती (Fig Farming) की।

अध्यापिका के द्वारा की जा रही अंजीर की खेती

दौसा (Dausa) जिले के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खानवास की ढाणी गांव की मीरा मीणा के द्वारा अंजीर की खेती की जा रही है। इनका पेशा एक टीचर का है और ये पिछले कई वर्षो से अंजीर की खेती कर रही है। मीरा मीणा ने वर्ष 2018 से अंजीर के मात्र 50 पौधों लगा कर शुरुआत की थी।

मीरा के पति कमलेश मीणा (Kamlesh Meena) का पेशा भी टीचर का है। वे भी मीरा के साथ मिलकर खेती कर रहे है। पति के साथ से मीरा ने अपनी अंजीर की फसल को बड़े पैमाने में उगाने का निर्णय लिया। फिर नागपुर से उन्होंने करीब दो हजार अंजीर के पौधे बुलवाए।

मीरा एक हिंदी अख़बार को बताती है की इन हाइब्रिड पौधो (Hybrid Plants) का मूल्य करीब पांच लाख रुपए था। अंजीर के बीज को ऑनलाइन ऑर्डर पर बुलाए। मीरा का अनुमान है के अंजीर के एक वृक्ष से करीब 15 किलो अंजीर का उत्पादन होता है। इस शिक्षक जोड़ी ने खेत में जल की आपूर्ति और पानी खारा होने के कारण यह काम प्रारंभ किया है।

मीरा कहती है कि इस खेती के माध्यम से कम लागत में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया (Earns Profit) जा सकता है। मीरा एक शिक्षिका और घर के फरजो को निभाते हुए एक-एक घंटे खेती को देती हैं। अंजीर के वृक्ष से करीब आठ महीने में फल आना प्रारंभ हो जाता है।

Fig Farming Anjeer Kheti
Fig Farming or Anjeer Ki Kheti Demo Photo

उन्होंने अंजीर को ड्राईफ्रूट बना कर मार्केट में बेचा। जिससे उनके प्रति किलोग्राम पर बारह सौ रूपए (1200 Ru) तक प्राप्त हुए है। मीरा के अनुसार डायना किस्म के अंजीर उच्च गुणवत्ता के होते है। विदेशों तक मीरा के द्वारा उगाए गए अंजीर की बहुत मांग है। जिस कंपनी से बीज लिए है, वही कंपनी अब मीरा से फल खरीद रही है।

स्वास्थ के लिए लाभ दायक फल और उसकी खेती

अंजीर स्वास्थ के लिए काफी अच्छा होता है साथ ही इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है। इस फल को ताजे के साथ सुखा कर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। ताजा और सुखा दोनो में ही बराबर गुण पाए जाते है। इस फल में विटामिन ए, बी, सी, फाइबर, कैल्शियम भरपूर मात्रा में उपस्थित हैं। क्या आप जानते है की इस फल के लगातार सेवन से आप स्तन कैंसर, जुकाम, दमा, मधुमेह, अपचन जैसे रोगों से भी छुटकारा पा सकते है।

अंजीर की फसल के लिए दोमट मिट्टी बहुत अच्छी मानी जाती है। इसके खेतों में जल निकासी अच्छी होना जरूरी है। शुष्क और कम आर्द्र जलवायु में इसकी पैदावार अच्छी होती है। पूर्ण विकसित पौधा करीब 50 से 60 साल तक अच्छे फल देता है।

इसलिए व्रक्षारोपण के पूर्व ही खेतो को भली भांति तैयार कर लेना चाहिए। हाइब्रिड पौधों को जमीन में रोपित करने से पूर्व उन्हें गोमूत्र से उपचारित जरूर कर लें। जुलाई से अगस्त तक का मौसम पौधरोपण केलिए अच्छा माना जाता है। एक हेक्टेयर जमीन में करीब 250 अंजीर के वृक्ष को रोपित किया जा सकता है।

फलों को तोड़ने में रखे सावधानी

गर्मी के मौसम में अंजीर के व्रक्षो को ज्यादा से ज्यादा पानी की जरूरत होती है। और सर्दी में 15 से 20 दिन में एक बार सिंचाई करने को जरूरत होती है। बारिश के मौसम में सिंचाई की जरूरत नहीं होती। खरपतवार को हमेशा अपने नियंत्रण में रखे समय समय पर खरपतवार को काटना जरूरी होता है।

अंजीर के पौधों में बहुत कम रोग लगते है। परंतु आपको कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है, जैसे वृक्ष से फलों को तोड़ते वक्त दस्ताने जरूर पहने। क्योंकि पौधो से निकलने वाला रस आपकी त्वचा के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। अंजीर के एक वृक्ष से करीब 20 किलो तक फल का उत्पादन हो सकता हैं।

पोधो की सुरक्षा का देसी तरीका

अंजीर के वृक्षों (Fig Trees) को देशी तरीके से भी सुरक्षित रखा जा सकता है जिसके लिए छोटे पौधों को किसी भी प्लास्टिक की बोतल से ढक कर रखा जा सकता हैं। बोतल के उपर कुछ छेद कर दें जिससे पौधो में श्वसन क्रिया होती रहे। तापमान को कंट्रोल में रखने के लिए हरा नेट का इस्तेमाल करे। गर्मी के मौसम का तापमान काम हो सके इसके लिए आप नेट पर पानी डालते रहे। सिंचाई के लिए बूंद-बूंद प्रणाली का उपयोग करे।

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