महिला बच्चा लेकर मेट्रो में नीचे बैठी थी, किसी ने सीट नहीं दी, अफसर बोले, ऐसी डिग्री कागज का टुकड़ा

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IAS Awanish Sharan
IAS Officer Awanish Sharan shared a video, shows a woman sited in a metro with her child. He tweeted that Degree is just a piece of paper. Photo From Twitter.

Delhi: बड़ी सिटी में लोग आस पास के स्‍थानों पर जाने के लिए मैट्रो का इस्‍तेमाल अधिक करते है। कोलकाता, मुम्‍बई, नई दिल्‍ली, हैदराबाद जैसे बडे शहरों में मेट्रो के स्‍टेशन पर पहुँचते ही लोग सीट पर बैठने के लिए बहुत ही तेजी से मेट्रो के अंदर जाते है।

ऐसा इ‍सलिए क्‍योंकि घंटों काम करने के बाद लोग सोचते है, कि 2 घंटे के मैट्रो के सफर में वह आराम से सीट में बैठकर घर जाएंगे। लेकिन भीड़ इतनी अधिक होती है कि आज के समय में मैट्रो में सीट हासिल कर लेना एक बहुत बड़ी जंग जीतने की तरह है। लेकिन कभी कभी ऐसा होता है, कि सीट मिल जाने के बाद भी लोग मानवता का उदाहरण देते हुए अपनी सीट दूसरे जरूरतमंद लोगों को दे देते है। यही हमारी मानवता की पहचान है।

कभी कभी कुछ लोग सब देखने के बाद भी कुछ लोगो की परेशानियों को नजरअंदाज करते हुए अपनी सीट नहीं छोड़ पाते। हमें लोगों की मदद करने के लिए हमेशा ही तत्‍पर रहना चाहिए। हमारी डिग्री के मायने तभी होते है, जब हम मानवता को अपने रग रग में समा ले। वरना हमारी डिग्री किसी काम की नहीं रह जाती।

अभी हाल ही में आईएएस ऑफीसर अवनीश कुमार (Awanish Sharan) ने एक वीडियों को शेयर करते हुए उसमें अपनी प्रति्क्रिया दी। इसे शेयर करते हुए अवनीश कुमार जी ने लिखा कि ‘इंसान कि किसी भी डिग्री का कोई मतलब नहीं है। अगर व्‍यक्‍ति सही व्‍यवहार करना ना सीख पाये।’ आख्रिर ऐसा क्‍या है इस वीडियों में जिसके लिए अवनीश कुमार जी ने यह बड़ी बात कही। आइये इस वीडियों के बारे में विस्‍तार से जानते है।

महिला ने नीचे बैठकर किया मैट्रो में सफर

आपको बता दे कि जिस वीडियों को अवनीश कुमार (IAS Officer Awanish Sharan) ने शेयर किया है। उस वीडियों मे एक महिला मेट्रो में नीचे बैठी हुई है। उसके हाथ में एक छोटा बच्‍चा है। महिला को बच्‍चा लिया हुआ देखकर भी लोगों ने उसे सीट देना जरूरी नहीं समझा। इसलिए वह महिला मेट्रो में नीचे बैठ गई।

उस मेट्रो में ऐसा कोई भी व्‍यक्‍ति नहीं था जो उस महिला की मदद करने आगे आता और अपनी सीट देता। इंसानियत हमें लोगों की मदद करना सीखाती है। लेकिन उस मेट्रो में किसी ने भी अपनी छोड़कर उस महिला की मदद न‍हीं की। उस मेट्रो में बहुत सी महिलाऍं भी सफर कर रही थी।

एक बच्‍चे को गोद में लेकर बस या मेट्रो में खड़े होकर सफर करना कितना मुश्‍किल होता है। यह बात वह सब महिला बहुत अच्‍छे से जानती थी। इसके बावजूद भी महिला की मदद करने उनमें से कोई सामने नही आया। जिसे देख कर उस महिला ने मजबूर होकर नीचे ही बैठने का निर्णय ले लिया।

आईएएस अवनीश कुमार जी ने वीडियों शेयर किया

यह वीडियों जब आईएएस अवनीश कुमार के पास आया। तो उन्‍होंने इस वीडियों को शेयर करते हुए प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘व्‍यक्‍ति की डिग्री का कोई महत्‍व नहीं रह जाता अगर व्‍यक्‍ति अच्‍छी बातों को सीखकर अपने व्‍यवहार में शामिल नहीं कर पाये। मानवता ही परम धर्म है। अगर इंसानियत आपके व्‍यवहार मे नहीं है तो आपकी डिग्री का कोई म‍हत्‍व नहीं वह सिर्फ एक कागज के टुकड़े से ज्‍यादा कुछ नहीं।’ जब यह व‍ीडियों अवनीश कुमार जी ने शेयर किया तो बहुत ही तेजी से यह वायरल हो गया। बहुत से लोगों ने इस पर अपना रिएक्‍शन दिया। किसी ने उनकी बात को सही माना तो कुछ ने उनके खिलाफ भी कमेंट लिखे।

यूजरर्स ने अलग अलग कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी

यूजरर्स ने इस वीडियों पर अपनी प्रतिक्रिया अलग अलग तरीके से दी। एक यूजर ने महिला का सपोर्ट करते हुए लिखा कि बहुत ही दुख हुआ इस वीडियों के देखकर। लोगों ने बेशर्मी के सारे रिकोर्ड तोड़ दिये है। वीडियों बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करने का टाइम है, पर मदद के लिए आगे बढ़ने का नहीं।

वही एक यूजर ने इस पर अपनी नेगेटिव प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि जब एक व्‍यक्‍ति दिन में 8 से 9 घंटे काम करके अपने घर के लिए निकलता है, तो 2 घंटे के सफर में वह सिर्फ अपने और अपने परिवार के बारे में ही सोचता है।

वही अवनीश कुमार जी पर भी तंज कसते हुए उन्‍होंने लिखा कि आपके पास तो सरकारी कार है। इसलिए आप इतना बोल पा रहे है। शायद आपको आम व्‍यक्‍ति के जीवन की परेशानियों के विषय मे कोई जानकारी नहीं है।

वही एक यूजर ने यह भी लिखा कि शायद यह भी हो सकता है, कि उस महिला को नीचे ही बैठने में ज्‍यादा सहज महसूस हो रहा हो। क्‍योंकि सीट पर बैठकर भी बच्‍चे को इतने अच्‍छे से नहीं संभाला जा सकता जितना की नीचे बैठकर। यह भी हो सकता है कि किसी सज्‍जन ने उन्‍हें सीट के लिए पूछा हो लेकिन नीचे ही उस महिला को अधिक आराम मिलने की वजह से उसने ही मना कर दिया हो।

एक यूजर ने लिखा कि नीचे बैठने से कोई छोटा नहीं होता। महिला अपनी इच्‍छा से भी नीचे बैठ सकती है। लेकिन शायद आपको आम जीवन के बारे मे ज्‍यादा जानकारी नहीं है। क्‍योंकिे आप एक बड़े अधिकारी है। आप के पास खुद की पर्सनल कार होगी। मेट्रो के धक्‍के आप नहीं खाते।

एक यूजर ने अवनीश कुमार की बातों का समर्थन किया। उन्‍होंने लिखा कि इस वीडियों को देखकर बहुत ही शर्मिंदगी हो रही है। लोग शराब की दुकान में घंटो तक लाइन लगाकर खड़े हो जाएंगे। लेकिन किसी दूसरे जरूरतमंद की मदद नहीं करेंगे। आज की दुनिया कुछ इसी प्रकार है।

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