बिहार की बेटी को अब एक पैर से स्कूल नहीं जाना है, मिल गई ट्राईसाइकिल, सोनू सूद भी आगे आये

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Bihar Girl Seema
Bihar Girl Seema Gets A Tricycle After Her Video Of Hopping To School On One Leg Goes Viral. Seema Gets Artificial Limb Too.

Photo Credits: Twitter

Patna: भारत देश में कुछ फीसदी लोग अपाहिज होते है, कोई पैर से, कोई हाथ से, तो कोई आंख से, तो कोई मुह से कभी सोचा है कि उनकी जिंदगी कैसी होती है, किस तरह वो खुद को मैनेज करते है। परंतु उनके अंदर एक अलग ही स्तर का आत्मविश्वास होता है कहते है, जिनके हौसलों में जान होती, उन्ही के सपनो में उड़ान होती है।

इन अपाहिजों के लिए सरकारी संस्था और प्राइवेट संस्था बहुत मेहनत कर रही है। उनके लिए अच्छी से अच्छी व्यवस्था कर रही है। आंख कान और मुझ से अपाहिज बच्चों के लिए एक ऐसे स्कूल की व्यवस्था की गई। जिसमें बच्चों को इशारे से पढ़ा सके, उन्हें सिखा सके हाथ पैर से अपाहिज बच्चों के लिए ट्राईसाइकिल (Tricycle) जैसे उपकरण का निर्माण किया जिससे उनका भी मनोबल बढ़ सके।

ऐसी ही एक कहानी है बिहार की जहा एक बच्ची किसी दुर्घटना के कारण अपने एक पैर को खो दिया और आज भी हौसला नहीं हारा एक पैर से कूदते हुए वह 1 KM अपने स्कूल जाती रही, तो आइये हम विस्तार से उस बेटी के बारे जानते है।

कौन है यह बेटी

बिहार राज्य के जमुई (Jamui) जिले के खैरा प्रखंड के फतेहपुर गांव में रहने वाली 10 साल की बेटी जिनका नाम सीमा (Seema Manji) है। यह बेटी का सिर्फ एक पैर है और यह एक पैर से ही 1 KM कूदकर स्कूल जाती है। सोशल मीडिया पर ये खबर काफी दिनों से चल रही है।

इस खबर के वाइरल होने के बाद प्रशासन खुद उनकी मदद करना चाहता है इस लिए वे खुद सीमा के घर पहुंचा।जिला प्रशासन की तरफ से डीएम अवनीश कुमार जो एक आईएएस अधिकारी है, ने सीमा को स्कूल जाने के लिए और सुबिधा के लिए ट्राईसाइकिल उपहार स्वरूप भेंट की।

प्रशासन के द्वारा ट्राईसाइकिल भेंट की और सोनू सूद मदद के लिए आगे आए

इस खबर के फैलते ही जिला प्रशासन अपनी पूरी टीम के साथ सीमा के घर पहुचे और वहां जा कर सीमा को पढ़ाई के प्रति लगनसार होने के लिए पहले तो खूब तरीफ की और फिर उसे मोटीवेट किया आगे भी अच्छी तरह पढ़ने के लिये।

इसी बीच बिहार के जमुई के जिले में पदस्थ एक आईएएस अधिकारी अवनीश कुमार कहते है सीमा की पढ़ने के प्रति लगन और उनकी हिम्मत ढेरो तारीफ के काबिल है। सीमा स्वयं से प्रेरित है और उसी के चलते वे स्कूल जा रही है, जो सभी विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है।

साथ ही अभिनेता सोनू सूद (Soonu Sood) जो इस समय गरीबो और बेसहारा लोगो की मदद करने के लिए काफी चर्चा में है, उन्होंने भी सीमा की मदद के लिए आगे आये और सीमा से कहते है कि अब सीमा दोनों पैरों पर चल कर स्कूल जाएगी, आगे अभिनेता सोनू सूद ट्विटर पर ट्वीट कर कहते है कि अब सीमा का दोनों पैर पर चलने का समय आ गया है इस लिए टिकट भेज रहा हूं।

सीमा के स्कूल में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था कराई जा रही है

अब जल्द ही सीमा को एक कृत्रिम पैर भी लगवाया जाएगा जिसका सारा खर्च सरकार उठाएगी। इतना ही नहीं सीमा जहा पढ़ती है अब उस स्कूल में 1 महीने के भीतर स्मार्ट क्लास बनाया जाएगा जिसकी प्रोसेस शुरू हो चुकी है और साथ ही जिलाधिकारी अवनीश कुमार कहते है कि सीमा का परिवार काफी गरीब है।

अब सीमा के परिवार को जल्द से जल्द राशन कार्ड, मकान और सरकारी योजना के अन्तर्गत मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएंगी। जिससे इस परिवार को राहत मिलेगी और उनका गुजर बसर अच्छे से चल सकेगा।

जमुई जिले के जिलाधिकारी अवनीश कुमार कहते है कि कोई भी बच्चा जो इस प्रकार की दुर्घटना से ग्रस्त है तो उसे टोला सेवकों द्वारा मार्क किया जाए और उन्हें उचित सुविधा दी जाए। जिससे किसी भी कारण से उन बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव न पड़े और सीमा को ट्राईसाइकिल मिलने के बाद से ही सीमा का चेहरा खुश खिला हुआ है।

सीमा के नेक इरादे

सीमा कहती है कि आज खुद पढूंगी, तो कल और लोगों को पढ़ाऊंगी जिससे वे भी शिक्षित होंगे और उन्हें भी शिक्षा का मोल पता लगेगा। आप को बता दें कि सीमा खैरा प्रखंड के एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र फतेपुर गांव की निवासी है।

सीमा के पिता का नाम खिरन मांझी है और सीमा की उम्र करीब 10 वर्ष है। 2 वर्ष पूर्व एक हादसे में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया था। इस हादसे ने उनसे उनका पैर छीना परंतु उनके हौसला आज भी बुलंद है। आज उन्होंने गांव में लड़कियों के शिक्षा को बढ़ावा दिया और खुद उनके लिए एक मिसाल बन गई है।

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