जीवन से परेशान प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अकेले जीवन जीने को असहाय बुजुर्गों के लिए खुश खबरी। प्रदेश सरकार अब असहाय और मजबूर बुजुर्गों को प्रतिदिन कम से कम एक समय का भोजन उपलब्ध कराएगी। आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। अभी प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है, इसके बाद सरकार इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार इस योजना के लागू होने से से काफी बड़ी संख्या में अकेले रह रहे असहाय बुजुर्गों की भोजन की परेशानी दूर होगी। विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में जीवन यापन के चलते यहां के सामाजिक तानेबाने पर बहुत असर पड़ा है। पलायन की रिपोर्ट के मुताबिक बताते हैं कि राज्य गठन से अब तक 1702 गांव पूरी तरह निर्जन हो चुके हैं।
हजारों की संख्या में ऐसे गांव हैं, जहां लोगों की संख्या बहुत ही कम मात्र हो गई है उनको अंगुलियों में गिना जा सकता है अब ये स्थिति है। इनमें भी गांव में रह रहे लोगों में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है। ये बुजुर्ग अपने गाँव की माटी से मोह होने के चलते अभी तक अपने गांवों में ही बसे हुए हैं। वह भी ऐसी स्थिति में, जबकि उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ उनके सामने है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए अब प्रदेश सरकार का ध्यान गांवों को बचाएं रखे इन बुजुर्गों की ओर गया है। अकेले रहने वाले बुजुर्गों को अब आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से सरकार कम से कम एक समय का भोजन कराने की प्लानिंग कर रही है। प्रदेशभर में 20,066 आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केंद्र चल रहे हैं।
इनके माध्यम से छह साल तक के बच्चों के साथ ही धात्री और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार मुहैया कराया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषण की समस्या से निपटने में भी आंगनवाड़ी केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। अब इन आंगनवाड़ी केंद्रों को सरकार बुजुर्गों की जिम्मेदारी भी देने जा रही है।
जिस तरह से आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती, बच्चों व धात्री महिलाओं को पोषाहार और पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाता है, ठीक उसी तर्ज पर इन केंद्रों से बुजुर्गों को भी एक समय का भोजन मुहैया कराया जाएगा। इस योजना की प्लानिंग तैयार कर ली गई है। इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को खाद्य विभाग के अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों के जरिए से खाद्यान्न मुहैया कराया जाएगा।
बुजुर्गों के लिए किस प्रकार का भोजन, भोजन में क्या-क्या होगा, इसका Menu तैयार करने के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गया है। पंचायत चुनाव प्रकिया से निपटने के बाद योजना का मसौदा कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। कैबिनेट की हरि झंडी मिलते ही इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।