मां की एक छोटी सी बात दिल को छू गई, बेटों ने जीवित मां की मूर्ति बनवाकर दिया अनोखा गिफ्ट

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Living Mother memorial
The sons made the statue of the living Mother in Sikar Rajasthan. Nathuram family memorial in Sikar Rajasthan. Living Mother memorial news.

Sikar, Rajasthan: गीतों और भीतों की धरा शेखावाटी में मूर्तियां केवल अनगढ़ हाथों से गढ़ी हुई पत्थर की बेजान मूर्ति (Statue) ही नहीं है। बल्कि मूर्तियों के साथ यहां के लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। यहां कहा जाता है, शहीदों की इस धरा पर जितने गांव है, उससे ज्यादा वीरगति को प्राप्त जवानों की प्रतिमा लगी हैं। यह तो शहीद और शहादत की मिसाल है।

बच्चों के लिए उनकी मां ही सबकुछ होती है। वह उनकी इच्छा पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे में राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर क्षेत्र के खुड़ी गांव में दो बेटों ने अपनी मां की एक ऐसी इच्छा को सुना और उसे पूरा करने का संकल्प भी लिया, जिसे अक्सर मां के मरने के बाद किया जाता है।

इन बेटों ने मां की खुशी के लिए उनकी यह इच्छा जीते जी ही करने का विचार किया। हम यहां चर्चा कर रहे हैं एक सामान्य जीवित व्यक्ति की मूर्ति की। जीवित व्यक्ति की मूर्ति। सुनने में कुछ अलग सा है हो भी क्यो ना, लेकिन प्रदेश में संभवत: यह दूसरा मामला है, जहां जीवित इंसान की मूर्ति बनाकर लगा दी गई हो।

पहला मामला जोधपुर जिले का है, जहां सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर की जीवित ही मूर्ति लगाई गई है। प्रदेश के एक हजार से ज्यादा शहीद परिवारों से बाजौर ने लंबे वक्त तक यात्रा कर बातचीत की थी। पूर्व सैनिकों के समूह ने इस उपलक्ष्य में बाजौर की मूर्ति लगवा दी।

दूसरा मामला सीकर के फतेहपुर क्षेत्र के खुड़ी गांव का है। जहां, दो बेटों ने अपनी जीवित मां की मूर्ति बनाकर दिवंगत पिता की मूर्ति के पास स्थापित की है। खुड़ी गांव के रहने वाले सतपाल व उसके छोटे भाई महेन्द्र के पिता नत्थूराम थालौड़ का मई 2019 में निधन हो गया था।

उनके निधन के बाद जब बेटों ने उनकी मूर्ति बनवाकर लगाने का विचार किया, तो मां बोल उठी, निधन के बाद मूर्ति कौन देखने आएगा। बात छोटी सी थी, लेकिन सतपाल व महेंद्र के दिल को छू गई। उन्होंने पिता की प्रतिमा के साथ ही मां की मूर्ति बनवाई और पिता के बाजू में स्थापित कर दी।

पिता के निधन बाद किया नेक काम

सतपाल व महेंद्र पिता नत्थूराम थालौड़ का निधन दो साल पहले मई 2019 में हो गया था। बेटों ने पिता की प्रतिमा भी बनवाकर लगवाई है। दोनों बेटे यही बात कर रहे थे कि मां की प्रतिमा भी पिता के साथ लगवा देंगे। तभी मां ने सुन लिया और कहा कि मरने के बाद कौन देखेगा, जीवित में लगवा दो।

मां ही इसका अनावरण करेगी

पिता की प्रतिमा लगाने की बात से माँ के मन मे विचार आया उसने अपने बेटों के साथ साझा किया। जिसको सुन बेटो की आंखे नम हो गई। माँ ने सबके सामने अपनी बात रखी कि मेरे मरने के बाद मेरी भी मूर्ति स्थापित करोगे, इससे तो अच्छा है मेरे जीवित रहते ही मेरी भी प्रतिमा बनवा दो। मां का आदेश था, टाल नहीं सके। लिहाजा मां व पिता दोनों की प्रतिमा बनवा दी। मां ही इसका अनावरण करेंगी।

पुण्य का काम

विधायक ने किया अनावरण, बताया पूण्य का काम प्रतिमा का अनावरण गुरुवार को फतेहपुर विधायक हाकम अली खान ने किया। इस दौरान उन्होंने माता-पिता की मूर्ति लगाने के कार्य को पूण्य कार्य बताते हुए थालौड़ परिवार की तारीफ की। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने विधायक का भी 21 किलो की माला पहनाकर उनको सम्मानित किया। कार्यक्रम में काफी लोग उपस्थित रहे।

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