भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 2 महीने की परीक्षण के लिए भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट के साथ शामिल हो गए हैं। मीडियाकर्मियों से बातचीत करने पर एक भी बार फौजी धोनी ने पाकिस्तान का नाम तक अपनी जुबान से लेने उचित नहीं समझा। मीडियाकर्मियों ने लगातार दो प्रश्न पाकिस्तान को लेकर किये, जिसके उत्तर में फौजी धोनी ने साफ कहा कि वह यहां किसी एक देश का नाम नहीं लेना चाहेंगे।
वह अपने देश की रक्षा और सेना और उनके परिवारों की खातिर बटालियन में सम्लित हुआ हुँ। धोनी ने अपनी कप्तानी से भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले महेंद्र सिंह धोनी से जब प्रश्न किया गया कि क्या वे चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैच खेले जाएं?
इसके उत्तर में महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि रिश्ते को मजबूत ओर सामान्य करने के लिए प्रयास तो करनी होगा, ये आरम्भ खेल से भी हो सकती है। खेल ऐसा जरिया रहा है जो अंतरराष्ट्रीय परेशानियों का हल निकालने से लेकर उन्हें सुलझाने का माध्यम बनता रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मिकबले खेलने का निर्णय दोनों देशों की सरकारें और बोर्ड के ऊपर निर्भर है।
MS धोनी पहले भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुकाबले खेलने के प्रश्न पर ऐसी ही बात कह चुके हैं। Dhoni का कहना है कि इसका निर्णय बोर्ड और सरकार ही तय करती है। धोनी बुधवार को पैराशूट रेजिमेंट की बटालियन में शामिल हुए, जिसका हेडक्वार्टर बेंगलुरू में स्थित है। धोनी के दोस्तो ने बताया कि धोनी का बचपन से ही सपना था फौजी बनाने का।
धोनी लंबे टाइम से इस बारे में सोच कर रहे थे। खबरो के मुताविक ‘जैसे धोनी भारतीय क्रिकेट के मशहूर क्रिकेटर में से एक हैं, वैसे ही सेना के लिए उनका लगाव भी जग जाहिर है। वह बहुत टाइम से अपनी रेजिमेंट के साथ टाइम स्पेंड के बारे में विचार कर रहे थे, लेकिन क्रिकेट के कारण वह ऐसा कर नही पा रहे थे।
खबरों के अनुसार धोनी का कहना है कि ‘इससे युवाओं में सेना को लेकर जागरुकता उत्पन्न होगी और यही धोनी का मकसद हैं। महेंद्र सिंह धोनी की ट्रेनिंग कश्मीर में 31 जुलाई से 15 अगस्त तक होगी। उनकी बटालियन विक्टर फोर्स के हिस्से के रूप में कश्मीर में रहेंगे है। वह गार्ड, पेट्रोलिंग एवं पोस्ट ड्यूटी करेंगे और सैनिकों के साथ ही रहेंगे। इसके लिए सेना मुख्यालय ने इसकी परमिशन दे दी है।’
38 वषीय धोनी पैराशूट रेजिमेंट 106 पैरा टीए बटालियन की प्रादेशिक सेना इकाई में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर मौजूद हैं। 2011 मे भारतीय सेना ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा था। इसके अतिरिक्त दीपक राव और अभिनव बिंद्रा और को भी इस सम्मान से नवाजा गया था।