हिमस्खलन में अपने शहीद सेना जवान भाई को इकलौती छोटी बहन ने दी मुखाग्नि: Martyr Kamal Kumar

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Image Credits: Twitter(@ChinarcorpsIA)

भारत माता की रक्षा में जवान अपने प्राणों को भी न्यौछावर कर देते है। अपने परिवार की परवाह किये बिना भारत माता की सेवा में तत्तपर रहते है। ऐसा ही कुछ देखने मिला जम्मू कश्मीर के करनाल सेक्टर में हिमस्खलन से। इसमे कई भारतीय जवान शहीद हो गए। जिसमे 21 वर्षीय कमल कुमार भी शामिल थे, जो अपने परिवार के लाडले थे।

कमल कुमारचुरू जिले के साहवा का रहने वाले था। उनका अपना पैतृक गांव है। उनका पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव लाया गया। जिसको देखकर सभी गांव वालों की आंखे नम हो गई थी। कमल की एक ही छोटी बहन थी। जिसमे अपने भाई को मुखग्नि दी है।

करनाल सेक्टर के हिमस्खलन में कई जवान दब गए थे

कमल मंगलवार को जम्मू कश्मीर के कूपवाड़ा जिले में करनाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के समीप ईगल पोस्ट पर तैनात थे। लेकिन जम्मू कश्मीर में भारी हिमस्खलन होने से कई जवान बर्फ में दब जाने की बात आई थी। लेकिन कमल उसमे अपनी जान नही बचा पाए। और शहीद हो गए। 2-जाट रेजीमेंट में डुयूटी पर शहीद कमल कुमार की पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से शुक्रवार को उनके पैतृक गांव साहवा लाया गया था।

अपने गांव के बेटे को अंतिम बार देखने के लिए बहुत भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। सभी नम आंखों से बेटे को अंतिम विदाई दी रहे थे। अपने भाई के पार्थिव शरीर मे तिरंगा चढ़ाने के लिए बहन को दिया गया। बॉर्डर पर तैनात अपने गाँव के बेटे के सम्मान में आंखे नम और गर्व से गांव के सभी भाइयो ने तिरंगा यात्रा निकाली।

जवान कमल कुमार की अंतिम यात्रा में उमड़ी भारी भीड़

इस यात्रा में सभी लोग वन्दे मातरम और भारत माता के नारे लगा रहे थे। युवा अपनी भारत माता के लिए अपने बलिदान के तैयार दिखे। तकरीबन 4 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा थी, जिसमे सभी युवाओं का जुनून सर चढ़कर बोल रहा था। कमल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर मे अंतिम विदाई के लिए रखा गया था।

अपने बेटे के पार्थिव शरीर को तिरंगा में लिपटे देख परिवार वाले अपने आंखों के आंसू को रोक नही पा रहे थे। अपने बेटे की अंतिम विदाई में सभी की आंखे नम थी। अपने बेटे को तिरंगा में लिपटा देख शहीद के रिटायर्ड फौजी पिता धर्मेन्द्र कुमार भी अपने आंसू को रोक नही पाए।

बिलख-बिलख कर रोने लगे। छोटी बहिन प्रमिला ने पिता को बहुत समझाया। पिता ने बेटे को सैल्यूट किया। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और तारानगर विधायक नरेन्द्र बुडानिया ने शहीद के परिजनों से मिलकर उनको सांत्वना दिया। परिवार को सरकार से हर संभव मदद देने का विश्वास दिलाया।

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