Sudhir Chaudhary Image Credits: Zee News Show DNA Crap Image
Delhi: आजकल सोशल मीडिया पर एक तबका मज़ाक हुए मीम से बहुत सुर्खिया बटोर रहा है। जी न्यूज कर्मियों में कोरोना संक्रमण की खबर ने लिबरलों को एक मौका दे दिया की वे अपनी बेतुकी सोशल मीडिया बातें कर सके। जी न्यूज के कर्मचारियों के संक्रमित होने की सूचना पाते ही वामपंथी ब्रिगट ने इस खबर को जी भर के चलाया और भुनाया। कुछ लोगो ने ट्रेंड भी चलाये और ‘छी’ (Chee News) न्यूज जैसे शब्द का उनयोग करते हुए कोरोना पीड़ित मीडिया कर्मचारियों का मज़ाक बनाया।
वामपंथियों को Zee News में संक्रमितों वर्कर्स की संख्या जानने में बहुत ही उत्सुकता देखने को मिली और इसके बाद वे कंपनी के मुख्या पत्रकार सुधीर चौधरी को पॉइंट करने लगा। तबलीगी जमात की करतूतों पर सवाल उठाने के कारण इस मीडिया कंपनी के कर्मचारियों की कंडीशन को तब्लीग़ी मरकज के जमातियों के जैसा बताया जाने लगा। असल में ऐसा बताने वाले लोग मरकज के जमातियों के समर्थक थे।
सोशल मीडिया पर इस समय ज़ी न्यूज़ पर मेमे और उनके खिलाफ आर्टिकल बहुत देखने को मिल रहे है। यह एक अजेंडे के कारण किया जा रहा हैं। असल में जी न्यूज़ पर कुछ दिन पहले मरकज से लेकर जिहाद पर कुश तथ्य दिखाए गए थे। अब वामपंथी भी Zee News को घेरने में लगे थे। तभी उनके मीडिया कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण की खबर आई और लिबरल ब्रिगेट की बल्ले बल्ले हो गई।
The Zee news office, which is present new corona hotspot of country, This is nothing but God-given punishment for frequently, targeting a community and also for promoting communalism through Corona virus. Let there be the fear of god. @DeccanHerald#ZeeNewsSealKaro#CoronaZeehad pic.twitter.com/8GB5rajtbo
— Sawad Kallarpe (@sawad_kallarpe) May 18, 2020
अब यह वामपंथी बहुत खुश है की ज़ी न्यूज़ के कर्मी बीमार है। वे तुले है उनकी तुलना तबलीगी जमातियों से करने में और सुधीर चौधरी को घेरने में । जबकि देश की जनता यह अच्छे से जानती है की ज़ी न्यूज़ के कर्मचारी कोरोना योद्धा है और तब्लीग़ी जमातियों ने देश में कोरोना फैलाया है। मरकज़ के लोग अपने साथ कोरोना को लेकर घूमते रहे। वही दूसरी ओर ज़ी न्यूज़ की कर्मी कोरोना होने पर भागे नहीं और ना ही यह बात छुपाई। बल्कि इसकी सुचना दी और करेन्टीन हुए और अब इलाज़ करवा रहे हैं।
आपको बता दे की जी न्यूज में कोरोना संक्रमण का पहला केस आने के बाद तत्काल संस्थान की ओर से स्टेटमेंट जारी किया गया और सारे इस कठिन स्थिति से देश और दर्शकों को अवगत कराया गया। परन्तु तब्लीग़ी मरकज में COVID-19 संक्रमण फैलने के बाद खबर को छिपाने की पूरी कोशिश हुई। बल्कि जब प्रशासन खुद संक्रमण के बारे में पता करने पहुँची तो जमातियों के लोगो और परिवार वालो ने एंबुलेंस, पुलिस और मेडिकल स्टाफ से दुर्व्यवहार किया।
जी न्यूज में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद सौंपनी के प्रमुख पत्रकार सुधीर चौधरी स्वयं सामने आए। उन्होंने कंपनी में कोरोना के हालातों को स्वीकारा और कहा कि हो सकता है जिस तरह की परिस्थिति बन गई है, उसमें स्वयं भी कोरोना संक्रमित हो जाएँ।इसके उलट तब्लीग़ी मरकज के केस में अपनी हरकतों पर्दाफाश होते ही मौलाना साद फरार हो गया और आज भी दिल्ली पुलिस को उसे ढूँढने के लिए दिन रात एक करना पढ़ रहा है, जगह-जगह छापे करने पड़ रहे हैं और साद को कोरोना जाँच करवाने के लिए बोलना पढ़ रहा है।
These are difficult times. 28 of my colleagues at @ZeeNews have tested positive for COVID-19. Thankfully all of them are fine,mostly asymptomatic. I wish them a speedy recovery and salute their courage & professionalism. Sharing the official statement with you. pic.twitter.com/50yW2auj0Y
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 18, 2020
Zee News Journalist Sudhir Chaudhary tweeted that These are difficult times. 28 of my colleagues at Zee News have tested positive for COVID-19. Thankfully all of them are fine, mostly asymptomatic. I wish them a speedy recovery and salute their courage and professionalism. Sharing the official statement with you.
जी न्यूज के कर्मचारियों की दशा को तब्लीग़ी मरकज के जमातियों की हरकत से जोड़ने वाले असल में जमातियों के समर्थक और मदतगार है को उनकी इस कोरोना फैलाऊ हारकर पर पर्दा डालना चाहते है और इस कृत्य में सभी को एक सामान साबित करना चाहते है।
अस्पताल में भर्ती होने के बाद जमाती लोग नर्सों और मेडिकल स्टाफ से दुर्व्यवहार करते पाए गए थे। पैंट उतारकर हरकतें की। क्वारंटाइन सेंटर में गंदगी फैलाई गई। भागने की भी खबरे आई। परन्तु ज़ी न्यूज़ के 28 कोरोना संक्रमित तो ऐसा कुछ नहीं कर रहे, बल्कि मेडिकल टीम को पूरा सप्पोर्ट कर रहे। फिर भी एक सोशल मीडिया का घड़ा इसे जमातियों के जैसा ही साबित करने में तुला है। असल में ज़ी न्यूज़ के कर्मचारी सच्चे कोरोना वारियर है, जो आपसे काम बखूबी कर रहे थे और अब कोरोना संक्रमित होने पर खुद ही इसकी सुचना देके इलाज़ के लिए भर्ती हो गए।