Indore/Madhya Pradesh: अभी कुछ ही वक़्त पहले जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया था, तब भी अनेक लोगो और ताकतों की नींदें उड़ गई थी। इसके बाद आर्टिकल 30 को हटाने के लिए भी कुछ समय से मांग की जा रही है। अब इस मामले को और बल मिलता दिखाई डी रहा है, क्योंकि इस मांग में अब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी आ खड़े हुए है।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीटर आर्टिकल 30 को हटाने की मांग क्या की, अब पूरे देश में और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा का माहौल बन गया है। अब लाखो लोग इस पैट ट्रेंड भी चला रहे हैं। आर्टिकल 30 के खिलाफ आये भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा कि “देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को “आर्टिकल 30” सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा रहा है। ये अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्मों को नहीं मिलती। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का पक्षधर है, तो आर्टिकल 30 की क्या जरुरत!” अब यह चाचा का विषय बन गया है।
अगर जानकरो की बात माने तो सरकार आर्टिकल 30 (Article 30) को हटा भी सकती है और इसमें बदलाव भी कर सकती है। आपको बता दे कि आर्टिकल 30 अल्पसंख्यकों को धर्म के आधार पर स्कूल, कॉलेज खोलने की छूट और हिदायत प्रदान करता है। आर्टिकल 30 को कई हिन्दू संगठन समानता विरोधी मानते है।
देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को 'आर्टिकल 30' सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा रहा है। ये अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्मों को नहीं मिलती। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का पक्षधर है, तो 'आर्टिकल 30' की क्या जरुरत!#आर्टिकल_30_हटाओ
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 28, 2020
आर्टिकल 30 को हटाने की मांग करने वाले मानते है की आर्टिकल 30 अल्पसंखयकों को धर्म और भाषा के आधार पर शैक्षिक संस्थान खोलने की इज़ाज़त देता है। प्रस्तावना के मुताबिक़ हमारा देश धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है। ऐसे में यह कानून जताने की जरुरत है। अब अनेक ट्वीटर यूजर सरकार से आर्टिकल 30 हटाने की डिमांड करते हुए ट्रेंड चला रहे है।
Article 30 constitutes a blatant discrimination against Hindus. It has to be amended and re-written in order to ensure equal rights to all Indian citizens. bs#आर्टिकल_30_हटाओ pic.twitter.com/Ajqv7p9np0
— Rahul Singh Rathore (@srirahulrathore) May 28, 2020
आर्टिकल 30 को लेकर इससे पहले भी चर्चा होती रही है। अब लोग यह कयास लगा रहे है की आर्टिकल 370, 35 A, तीन तलाक़ और CAA कानून के बाद मोदी सरकार आर्टिकल 30 पर भी कोई निर्णय ले सकती है। हालाँकि अभी कोरोना संकट और लोखड़ौन के चलते स्थिति सही नहीं बताई जा रही है। ऐसे में अभी इस काम में कुछ और वक़्त लगने की उम्मीद है।
Article 30 constitutes a blatant discrimination against Hindus. It has to be amended and re-written in order to ensure equal rights to all Indian citizens.
uj#आर्टिकल_30_हटाओ pic.twitter.com/gLpNcm9Szr— Ashutosh Manohar Dubey (@AashutoshForBJP) May 28, 2020
भारत सरकार के बड़े नेता और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान के बाद आर्टिकल 30 हटाने की पहल को बल मिलता दिखाई देने लगा है। अब देखना यह है की भाजपा नेता और देश की सोशल मीडिया की जनता द्वारा उठाई गई यह आवाज़ कहा तक जाती है। हालाँकि बहुत वक़्त से इस विषय पर चर्चा होती रही है और अब जब चर्चा का माहोल बन गया है तब कुछ वामपंथी और जामिया ब्रिगेट के लोगो का विरोध भी देखते को मिल सकता है।