चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के बाद हिंदुस्तान की शान ISRO का एक ऑफिस अब रूस में भी खुलेगा। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को मॉस्को में ISRO की ईकाई खोलने के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। इससे पहले रूस,चीन,अमेरिका के पास ही अपने देश के बाहर दूसरे देशों में तकनीक संपर्क इकाई थीं।
इसके माध्यम से ISRO आपस में तालमेल रखने में सक्षम हो जाएगा। रूस और पड़ोसी देशों में अंतरिक्ष एजेंसियों और उद्योगों के साथ सहयोग स्थापित में कोई मुश्किल नही होगी। इसके साथ ही ISRO को अपने नेविगेशन MAP को स्ट्रांग करने में हेल्प मिलेगी। ISRO के गगनयान प्रोजेक्ट को कुछ प्रमुख तकनीकों के विकास और विशेष सुविधाओं की स्थापना की आवश्यकता है।
जिससे अंतरिक्ष में जीवन को खोजना मुश्किल नही होगा। आने वाले कुछ दिनों में ISRO रूस के बाद ऑस्ट्रेलिया,जापान सहित कई दूसरे देशों में भी ISRO अपनी तकनीक संपर्क इकाई स्थापित करेगा। इसके बजट को लेकर कहा गया है कि रूस के मॉस्को स्थित ISRO तकनीक तालमेल इकाई पर वेतन, किराये,टैक्स,कार्यालय खर्च और दूसरे खर्चों में औसतन लगभग 1.50 करोड़ रुपये साल का निवेश होगा।
ISRO will set up a Isro Technical Liaison Unit (ITLU) in Moscow. This will enable India to gain valuable Russian help for its Gaganyaan mission.
Without a doubt India-Russia relations are very deep and true. There is trust which clearly lacks in our relations with America.
— Vinayak (@vinayak_jain) August 2, 2019
ISRO की ओर से 2022 तक गगनयान लेकर कोई भारतीय अंतरिक्ष में पहुचेगा। ISRO का शुक्र ग्रह के लिए मिशन 2023 में Lonch होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताविक इसके बाद भारत वर्ष 2029 तक अपना Space स्टेशन स्थापित करेगा। 2025 से 2030 के बीच भारत चांद पर Main मिशन पर सफलता हासिल कर लेगा।