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Leh/laddakh: देश के जवानों ने भारत का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। आज महिला भी हर क्षेत्र में ऊंचाई के झंडे गाड़ रही है। कामयाबी के शिखर को छूने में सफलता हासिल कर रही है। आतंकियों से भी सामना करने से पीछे नही हटी, डांट कर उनका सामना कर रही है। देश की नारी भारत के लिए गौरव का प्रतीक बन गईं है।
भारत की रक्षा में जवानों के साथ राजस्थान की बहू-बेटियां भी कदम से कदम मिला रही है। नवीना शेखावत पाली जिले के खोड़ गांव की बेटी है। जो जिले की प्रथम मेजर बनकर सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक बनी हैं। वर्ष 2013 से 2 वर्ष तक ऑफिसर ट्रेंनिग एकेडमी में प्रशिक्षण के बाद लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुई, फिर नवीना शेखावत (Naveena Shekhawat) का कारवां धीरे धीरे बढ़ता चला गया वो कैप्टन से अब आर्मी में मेजर पद पर पदस्थ हो गई है।
देश के सबसे खतरनाक आतंकी इलाके वाले लेह-लद्दाख अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पदस्थ हैं। नवीना ने आतंकियों के विरुद्ध एक अभियान चलाया था।
नवीना ने जोधपुर के केएन कॉलेज से अपनी पढ़ाई कंपलीट की है। डिफेंस स्टडी में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री भी प्राप्त की है। नवीना ने कभी हार नही मानी वो हमेशा अपनी ईमानदारी और मेहनत से आगे बढ़ती चली गई।
In order to protect our nation, Rajasthan's daughters are also joining the Armed Forces. We are all proud of Major Naveena Shekhawat ! pic.twitter.com/JcELSZlBIa
— Dhananjai Khimsar (@DS_Khimsar) October 26, 2016
मेजर Post पर नियुक्ति से पहले नवीना आतंकी प्रभावित मणिपुर में दो साल तक कैप्टन की Post पर कार्य करती रही। नवीना ने आतंकियों के विरुद्ध शुरू किए गए अभियानों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। नवीना ने आतंकियों को सही रास्ते मे लाने के लिए कई अभियान की शुरुआत की।
राजस्थान में कपड़ो को लेकर बहुत कड़े नियम होते गई। बहु बिना घूंघट के बाहर नही जा सकती। बॉर्डर पर आर्मी की ड्रेस में नवीना काम करती है। लेकिन उनके ससुराल में ट्रेडिशनल राजपूती ड्रेस को ही प्राथमिकता दी जाती है। सेना में मेजर के पद पर पदस्थ नवीना सामाजिक परंपराओं और संस्कारों में पूरा विश्वास बनाये हुए है। वे अपने धर्म के प्रति भी आस्था रखती है।
Meet Major Naveena Shekhawat from Rajasthan 🙂 pic.twitter.com/HiQ00GKKJC
— Jaini (@manichejain) October 24, 2016
देश की सेवा करते हुए नवीना सेना की ड्रेस में देश की रक्षा के लिए पदस्थ रहती हैं। जब नवीना अपने ससुराल खोड़ आती है तब वे अपने परिवार के संस्कारों और परंपराओं को भी बहुत अच्छे से संजोती हैं। नवीना जब भी अपने ससुराल पहुचती है अपने ससुर सहित बड़े बुजुर्गों के सामने पल्लू में ही रहती हैं। नवीना को परंपरागत राजपूती पहनावा ही अच्छा लगता है।
नवीना का मानना है कि गांव की बहू-बेटियां किसी से पीछे नहीं। वो हर कदम में आगे है बस उनको आगे बढ़ने के लिए कोशिश करनी होगी। नारी शक्ति को अपने सपने देखने उन्हें पूरा करने का अधिकार है। हर क्षेत्र में आज नारी शक्ति सफलता के झंडे गाड़ रही है। हुनर में वे किसी से पीछे नहीं। सिर्फ अवसर और प्रयास करने की आवश्यकता होती है। नारी को चाहिए कि वे सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए ठान ले।